नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास पर हुए मारपीट का मामला सुर्खियों में है। इस मामले में स्वाति मालीवाल ने पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज करा दी है। एफआईआर के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने कथित तौर पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल को कई बार लात मारने के साथ ही थप्पड़ भी मारे थे और मालीवाल के मदद के लिए चिल्लाने पर भी वह नहीं रुका। मालीवाल अपना बयान दर्ज कराने के लिए मजिस्ट्रेट के सामने भी पेश हुईं।
मारपीट की डिटेल्स सामने आने के बाद पूर्व आप नेता शाजिया इल्मी ने भी प्रतिक्रिया दी है। शाजिया इल्मी ने कहा है कि ज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की तरह उन्होंने भी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी में रहते हुए दुर्व्यवहार सहन किया है और 'वहां मारपीट करना बहुत सामान्य बात है।' उन्होंने दावा किया कि यहां तक कि योगेन्द्र यादव जैसे नेताओं को भी "बाउंसरों ने बाहर निकाल दिया" और अब, पूर्व डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष की पिटाई की गई है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शाजिया इल्मी ने कहा, "बिभव कुमार का काम अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करना है। मैंने भी उस शख्स की बदतमीजी बर्दाश्त की है...वहां मारपीट करना बहुत सामान्य बात है। प्रशांत कुमार और योगेन्द्र यादव को भी बाउंसरों ने बाहर निकाल दिया। लेकिन, इस बार तो उन्होंने हद ही कर दी...क्या आपके पीए द्वारा किसी महिला को पीटना उचित है? पुलिस ने अच्छा काम किया है।"
बता दें कि केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल से हुई मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को प्राथमिकी दर्ज की और बिभव कुमार को मामले में आरोपी बनाया। प्राथमिकी में कहा गया है कि मालीवाल लगातार मदद के लिए चिल्ला रही थीं, लेकिन कुमार नहीं रुका और उसने मालीवाल के सीने, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर लातें मारते हुए हमला किया। मालीवाल ने अपनी शिकायत में कहा कि कुमार ने उन पर पूरी ताकत से बार-बार हमला किया और कथित तौर पर उन्हें सात-आठ बार थप्पड़ मारे।
शाजिया इल्मी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए। ''एक महिला सहकर्मी की पिटाई करवाने'' के बाद उनके पास इस पद पर बने रहने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि बिभव कुमार, जिस पर मालीवाल ने मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है, वह केवल आप संयोजक के आदेशों का पालन करते हैं और किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि उन्होंने अपनी मर्जी से ऐसा किया है।