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Shashi Tharoor Interview: '2014 के चुनावों के बाद से कांग्रेस ढलान पर क्यों है?' अध्यक्ष पद की रेस में शामिल शशि थरूर ने दिया ये जवाब

By शरद गुप्ता | Updated: October 5, 2022 09:54 IST

शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उतर रहे हैं। ऐसे में लोकमत मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर (बिजनेस एवं पॉलिटिक्स) शरद गुप्ता ने उनसे कांग्रेस को लेकर कई सवाल किए। पढ़ें ये इंटरव्यू...

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तीन बार के लोकसभा सांसद और पूर्व राजनयिक शशि थरूरकांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मैदान में डटे हुए हैं. लोकमत मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर (बिजनेस एवं पॉलिटिक्स) शरद गुप्ता को दिए बेलाग साक्षात्कार में उन्होंने अपने सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों के बारे में बताया. प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश-  

- कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में, आप पार्टी में कौन सी तीन चीजें बदलना चाहते हैं?

हमारी पार्टी को अपने हर स्तर के नेतृत्व में - गांव, ब्लॉक, जिला, राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर नए चेहरों और युवा खून को लाना चाहिए. हमें युवा भारत की पार्टी बनना चाहिए : वे भविष्य हैं और अधिकांश भारतीय 25 वर्ष से कम उम्र के हैं. इसके साथ ही, लंबे समय से काम कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत का सम्मान करते हुए उन्हें सुसंगत नियुक्तियां और अधिकार देकर उचित रूप से पुरस्कृत करें. हमें संसदीय बोर्ड, 23 सदस्यीय सीडब्ल्यूसी में 12 सीटों के चुनाव और सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए शैडो कैबिनेट के निर्माण जैसे परामर्श तंत्र को पुनर्जीवित और मजबूत करके अपनी पार्टी में भागीदारी को व्यापक बनाना चाहिए.

- इस चुनाव में आप अपनी जीत की संभावनाओं को कैसे देखते हैं?

मैंने कभी भी जीत की चाहत के बिना चुनाव नहीं लड़ा. मेरे चुनाव मैदान में उतरने से पहले मुझे कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा आश्वासन दिया गया है कि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का स्वागत करते हैं और किसी भी ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ का समर्थन नहीं करेंगे. मैं खुश हूं कि मुझे ‘अंडरडॉग’ (छुपा रुस्तम) माना जा रहा है.

- क्या यह यथास्थितिवाद और परिवर्तन के अग्रदूत के बीच का चुनाव है?

मुझे कोई संदेह नहीं है कि मेरी उम्मीदवारी मौजूदा संगठनात्मक चुनौतियों को दूर करने के उद्देश्य से कुछ रचनात्मक सुधार लाने के साथ-साथ पार्टी को आंतरिक रूप से मजबूत करने के लिए आवश्यक पुनर्निर्माण की प्रक्रिया का प्रतिनिधित्व करती है. मेरा स्पष्ट विचार है कि ‘यथास्थितिवाद’ हमें कहीं नहीं ले जाएगा. इसलिए मैं परिवर्तन का उम्मीदवार हूं.

- अगले कांग्रेस अध्यक्ष में क्या गुण देखना चाहते हैं?

मेरा मानना है कि एक नया नेता, जो बहुत लंबे समय से मौजूदा व्यवस्था में मुरझाया हुआ नहीं है, पार्टी को सक्रिय कर सकता है और पिछले कुछ चुनावों के दौरान कांग्रेस जितने वोट पाती रही है, उसकी तुलना में अधिक मतदाताओं को आकर्षित कर सकता है. नए अध्यक्ष को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सभी के लिए सुलभ हों और सप्ताह में दो बार कार्यकर्ताओं से मिलें, जहां कोई भी पार्टी कार्यकर्ता अपनी बात कह सके. इसी तरह, अध्यक्ष को एआईसीसी विभागों और प्रमुख नेताओं के साथ त्रैमासिक बैठकें भी करनी चाहिए और देश के पांच क्षेत्रों के लिए पांच उपाध्यक्षों की नियुक्ति की जा सकती है.

- क्या कांग्रेस पदाधिकारियों का एक निश्चित कार्यकाल होना चाहिए?

हां, 2022 की उदयपुर घोषणा के अनुसार अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को पांच साल के दो कार्यकाल तक सीमित किया जाना चाहिए.

- 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से पार्टी लगातार ढलान पर क्यों है?

सीधी बात है, हमारे कुछ नेताओं ने पार्टी में विश्वास खो दिया: जब पार्टी में दशकों तक रहने वाले नेता चले गए, तो आप उन मतदाताओं को कैसे दोष दे सकते हैं जिन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया? इससे पहले कि हम जनता का विश्वास खो दें, हमें अपने आत्मविश्वास को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है. भारत जोड़ो यात्रा और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव, दोनों ही इस प्रक्रिया में प्रमुख तत्व हैं.

- पार्टी के सामने आने वाले मुद्दों के तात्कालिक और दीर्घकालिक समाधान क्या हैं?

कांग्रेस के लिए वर्तमान चुनौती दोहरी है: हमें राष्ट्र के लिए सकारात्मक और आकांक्षी विजन पेश करने के साथ-साथ संगठनात्मक और संरचनात्मक कमियों को ठीक करने के लिए काम करने की आवश्यकता है, जिन्होंने हमारे हालिया प्रयासों को बाधित किया है. मेरे विचार से इसका उत्तर प्रभावी नेतृत्व और संगठनात्मक सुधार के संयोजन में निहित है. दीर्घकालिक दृष्टि से, राज्यों के मजबूत नेतृत्व के आधार पर एक मजबूत राष्ट्रीय कांग्रेस नेतृत्व का निर्माण किया जा सकता है.

- क्या कांग्रेस में शक्तियों का विकेंद्रीकरण समय की मांग है?

कांग्रेस को पीसीसी अध्यक्षों को वास्तविक अधिकार देकर, सत्ता का विकेंद्रीकरण करके और पार्टी के जमीनी पदाधिकारियों को सही मायने में सशक्त बनाकर राज्यों में पार्टी को सशक्त बनाना चाहिए. संगठन का पुनर्निर्माण, राज्य, जिला और ब्लॉक नेताओं को अधिकार सौंपना और जमीनी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाना न केवल नए नेता को प्रशासन के भारी बोझ से मुक्त करेगा, बल्कि मजबूत राज्य नेतृत्व बनाने में भी मदद करेगा जिसने बीते समय में कांग्रेस की राष्ट्रीय अपील को मजबूत किया था.

- क्या भाजपा की सुव्यवस्थित चुनावी मशीनरी का मुकाबला किया जा सकता है? कैसे?

ऐसा करने के लिए कांग्रेस को 2014 और 2019 दोनों में पार्टी के लिए मतदान करने वाले मतदाताओं के 19 प्रतिशत से आगे जोड़ने का तरीका खोजने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. पार्टी को उन लोगों को जोड़ने का तरीका खोजना होगा जिन्होंने पिछले दो आम चुनावों में वोट नहीं दिया और भाजपा की ओर चले गए. इनमें से अधिकांश ने हिंदुत्व के अलावा अन्य कारणों से ऐसा किया. हम महिलाओं, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों की समस्याओं पर विशेष ध्यान देते हुए गरीबों, वंचितों के लिए सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करेंगे. हम जवाहरलाल नेहरू की समृद्ध विरासत को ध्यान में रखते हुए आर्थिक विकास, मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जावान व आत्मविश्वास से भरी विदेश नीति का समर्थन करेंगे.

- कांग्रेस के प्रतिनिधियों को अपना संदेश कैसे देंगे?

यह एक चुनौती है, क्योंकि आज तक हमें केवल बिना फोन नंबर या पते के प्रतिनिधियों की सूची दी गई है! मेरी टीम और मैं मतदान करने वाले प्रतिनिधियों को अपना संदेश देने के लिए कई तरीकों का उपयोग कर रहे हैं, जिसमें पत्र भेजना, अपने घोषणापत्र को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराना, वीडियो अपील करना और फोन के जरिये बात करना शामिल है. देश भर में प्रतिनिधियों तक पहुंचने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.

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