शरद पवार ने कहा- पता नहीं था कि पार्टी मेरे इस्तीफे पर इतनी कड़ी प्रतिक्रिया देगी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 6, 2023 21:22 IST2023-05-06T21:20:45+5:302023-05-06T21:22:33+5:30
पवार के इस्तीफे की घोषणा ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चौंका दिया था। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का दबाव बढ़ने के बाद पवार ने कहा था कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दो-तीन दिन का समय लेंगे। 5 मई को शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।

एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: बीती 2 मई को एनसीपी के अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर के शरद पवार ने सबको चौंका दिया था। उनके इस फैसले के बाद से ही पार्टी के नेता और कार्यकर्ता लगातार पवार से फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील कर रहे थे। 5 मई को शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। अब शरद पवार ने कहा है कि उन्हें पता नहीं था कि मेरी पार्टी मेरे इस्तीफे पर इतनी कड़ी प्रतिक्रिया देगी।
शनिवार, 6 मई को एनसीपी प्रमुख ने कहा, "कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भी मुझसे अपना फैसला वापस लेने का अनुरोध किया। एक साल के भीतर आम चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी से अलग हटना ठीक नहीं होगा। हम विपक्ष को एकजुट करने पर काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त होने के लिए मैंने सोच-समझकर खुद को तैयार किया था। मेरे पास अभी भी संसद में 3 साल और हैं और मैं भविष्य में एक अच्छी टीम बनाने के विचार में था जो राज्य और देश स्तर पर एनसीपी की जिम्मेदारी ले सके। इसलिए मैंने एक तरफ कदम बढ़ाने और अगली पीढ़ी को मौका देने के बारे में सोचा।"
बता दें कि पार्टी समिति की बैठक में पवार के इस्तीफे को खारिज करते हुए उनके एनसीपी के अध्यक्ष पद पर बने रहने का प्रस्ताव पास किया गया था। समिति के फैसले के बाद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था।
शरद पवार के इस्तीफा वापस लेने के फैसले पर महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि शरद पवार के एनसीपी अध्यक्ष बने रहने के फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा आएगी और महा विकास अघाड़ी को बढ़ावा मिलेगा। शरद पवार ने दो मई को अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा की थी और अजित पवार उनके इस कदम का समर्थन करते दिखे थे।
पवार के इस्तीफे की घोषणा ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चौंका दिया था। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का दबाव बढ़ने के बाद पवार ने कहा था कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दो-तीन दिन का समय लेंगे। शरद पवार ने कहा कि वह अपने सहयोगियों और कार्यकर्ताओं की भावनाओं का अनादर नहीं कर सकते जो उनके इस्तीफे का फैसला वापस लिए जाने की जिद पर अड़ गए।