पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को लगे जोर के झटके के बाद पार्टी में घमासान की स्थिति उत्पन्न हो गई। एक ओर जहां नाराज नेताओं ने वर्तमान राज्य इकाई के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है तो दूसरी ओर राज्य इकाई ने विक्षुब्धों को किनारे लगाते हुए पार्टी से निलंबित करना शुरू कर दिया है। अब जबकि कांग्रेस बिहार चुनाव में मिली करारी हार की समीक्षा हो रही है तो पार्टी से नाता तोड़ चुके वरिष्ठ नेता डा. शकील अहमद ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कुछ अपील की है।
उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस का शुभचिंतक बना रहूंगा और बतौर शुभचिंतक पार्टी उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं कर सकती। शकील अहमद ने कांग्रेस पार्टी से मांग की है कि टिकट देने में खरीद फरोख्त का जो आरोप लगा, उसकी पार्टी जांच करे और यह सुनिश्चित करें कि सही व्यक्तियों पर गलत कार्रवाई न हो।
अपने पोस्ट के साथ शकील अहमद ने एक फोटो भी शेयर किया है। शकील अहमद ने अपने पोस्ट में लिखा है कि मैं तो अब कांग्रेस पार्टी का सदस्य नहीं हूं, परन्तु पार्टी के सिद्धांतों का शुभचिंतक बना रहूंगा, यह बात मैंने कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी के नाम लिखे अपने त्यागपत्र में भी लिखा है। सदस्य के खिलाफ पार्टी अनुशासनिक कारवाई कर सकती है, परन्तु शुभचिंतक के विरुद्ध नहीं।
यह मैं केवल आज ही नहीं बल्कि आज से 10-11 वर्ष पहले उस समय पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी जी से भी कहा था, जब एक अंदरूनी विवाद के कारण मैं, राहुल गांधी जी और सोनिया जी 10 जनपथ में बैठकर चर्चा कर रहे थे। मगर वह कहानी फिर अभी। उन्होंने कहा कि इस पोस्ट के साथ जो फोटो है, उनमें वह लोग हैं जो आज भी कांग्रेस में हैं।
इन फोटो में तत्कालीन विधायक के साथ पूर्व विधायकगण और कई अन्य नेता भी हैं। इन लोगों ने खुलकर आरोप लगाया है कि किन किन लोगों ने पैसा लेकर टिकट में भ्रष्टाचार किया है। इनके आरोप लगाने के बाद कुछ रुके हुए टिकट दिये गए जिन में 2 जीतकर भी आए।
शकील अहमद आगे कहते हैं कि एक तरह से समय पर आवाज उठाकर इन लोगों ने पार्टी की मदद ही की, नहीं तो हम यह दोनों सीटें भी हार जाते। आग्रह है कि इनको विश्वास में लेकर जिन लोगों पर भी आरोप लगा है, उसकी शीघ्र जांच हो और सही आवाज उठाने वालों के ख़िलाफ़ कोई ग़लत कारवाई न हो।
यह एक शुभचिंतक की राय है। बता दें कि विधानसभा के दूसरे चरण के मतदान के ठीक बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से त्यागपत्र दे दिया था। उनके इस्तीफे से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था।