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एसएफजे ने तीन महीने के अंदर ही अमेरिकी सांसदों के बीच लॉबिइंग के अभियान को समाप्त किया

By भाषा | Updated: June 27, 2021 18:49 IST

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नयी दिल्ली/वाशिंगटन, 27 जून भारत में जांच का सामना कर रहे अलगाववादी एवं प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) ने अमेरिकी सांसदों का समर्थन हासिल करने के लिए तीन महीने पहले शुरू किए गए अभियान को लगभग समाप्त कर दिया है। कुछ दस्तावेजों के जरिए इस बात का खुलासा हुआ है।

एसएफजे के लिए समर्थन जुटाने का काम करने वाले पंजीकृत संगठन 'ब्लू स्टार स्ट्रैटेजीज एलएलसी' ने एसएफजे को अमेरिका स्थित एक गैर-सरकारी संगठन बताया है, जोकि पंजाब को भारत से अलग करने के विचार का समर्थन करता है।

'ब्लू स्टार स्ट्रैटेजीज एलएलसी' ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया है कि एसएफजे का उद्देश्य भारत में सिख समुदाय के लोगों के साथ किए जा रहे कथित व्यवहार को लेकर अमेरिका में जागरुकता फैलाना भी है।

'ब्लू स्टार स्ट्रैटेजीज एलएलसी' ने एसएफजे की ओर से कुछ दस्तावेज 12 मार्च 2021 को अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट के 'लॉबिंग प्रकटीकरण मंच' को भी सौंपे थे। इसके बाद संगठन की ओर से एक रिपोर्ट 19 अप्रैल को भी दाखिल की गयी थी।

एसएफजे का उद्देश्य भारत में सिख समुदाय के लोगों के साथ किए जा रहे कथित व्यवहार को लेकर अमेरिका में जागरुकता फैलाने के अलावा अमेरिकी-सिख समुदाय के लोगों का ध्यान इन मुद्दों की ओर आकर्षित करना है। हालांकि 'ब्लू स्टार स्ट्रैटेजीज एलएलसी' की ओर से दाखिल की गयी रिपोर्ट का दूसरा हिस्सा मिटा दिया गया है।

'ब्लू स्टार स्ट्रैटेजीज एलएलसी' ने एसएफजे की ओर से रिपोर्ट दाखिल करने के तीन महीने के भीतर ही 31 मई को समाप्ति रिपोर्ट दाखिल कर दी। इस समाप्ति रिपोर्ट को सीनेट के संबंधित मंच ने 15 जून को अपनी वेबसाइट पर जारी भी किया था।

पिछले कुछ समय से एसएफजे भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़े कुछ लोगों को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने समन भी जारी किया था। एसएफजे के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में उसे गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक गैर-कानूनी और प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी में कथित रूप से बड़े पैमाने पर एसएफजे के अभियानों के लिए फंड जुटाने की कोशिशें हो रही हैं।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने जुलाई 2020 में यूएपीए अधिनियम के तहत एसएफजे के गुरपतवंत सिंह पन्नू को अलगाववादी खालिस्तानी संगठनों से जुड़े उन नौ व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया था जिन्हें आतंकवादी घोषित किया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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