मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ : शिवसेना ने आत्ममंथन करने की सलाह दी

By भाषा | Updated: May 30, 2021 19:05 IST2021-05-30T19:05:36+5:302021-05-30T19:05:36+5:30

Seventh anniversary of Modi government: Shiv Sena advises to introspect | मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ : शिवसेना ने आत्ममंथन करने की सलाह दी

मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ : शिवसेना ने आत्ममंथन करने की सलाह दी

मुंबई, 30 मई शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि भारत जवाहरलाल नेहरू के समय से लेकर मनमोहन सिंह की सरकारों के अच्छे कामों के कारण अस्तित्व में है और मौजूदा मोदी सरकार को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि क्या वह लोगों की मूलभूत जरूरतों को पूरा कर पायी है।

महाराष्ट्र कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ को ‘‘काला दिवस’’ के तौर पर मनाया और केंद्र पर देश को कोविड-19 संकट की ओर ‘‘धकेलने’’ का आरोप लगाया।

महा विकास आघाडी के तौर पर महाराष्ट्र में शिवसेना और राकांपा के साथ सत्ता साझा करने वाली कांग्रेस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार ‘‘सभी मोर्चों पर नाकाम’’ रही है।

राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह की सरकारों के अच्छे कामों पर जी रहा है।’’

शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि काफी कुछ किया जाना है। कोविड-19 महामारी के कारण महंगाई, बेरोजगारी और अशांति की समस्याएं हैं।

राउत ने कहा, ‘‘जब आपको बहुमत मिला तो इसका मतलब है कि लोगों ने विश्वास के साथ आपको सत्ता सौंपी। लोगों की जरूरतें और मांग बहुत कम हैं। उन्हें आजीविका की जरूरत है। स्वास्थ्य एवं शैक्षिक सुविधाओं के साथ ही रोटी, कपड़ा और मकान भी महत्वपूर्ण हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ‘‘आत्ममंथन’’ करना चाहिए कि क्या पिछले सात वर्षों में यह हासिल किया गया।

राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘अधिक ध्यान देने और कड़ी मेहनत की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी में नेतृत्व क्षमता है और उम्मीद है कि वह देश को उचित दिशा देंगे।’’

एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि यह अच्छी बात है कि मोदी सरकार पर ‘‘भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं’’ है।

राउत ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुछ मुद्दे उठाए हैं, जिनके जवाब नहीं दिए गए।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सभी राज्यों का ‘‘संरक्षक’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘अपने बच्चों की तरह सभी राज्यों की देखभाल करिए। सभी राज्यों के साथ समान न्याय की उम्मीद है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि चक्रवात राहत पर प्रधानमंत्री की बैठकों के लिए केवल पश्चिम बंगाल और गुजरात में विपक्षी नेताओं को बुलाया गया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन मुद्दों को उठाया है।

इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि उनकी सरकार मोदी सरकार की वर्षगांठ को ‘‘काला दिवस’’ के रूप में मना रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार कोविड-19 की पहली लहर के दौरान पिछले साल गुजरात में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्वागत करने में व्यस्त थी और फिर उसने तबलीगी जमात के समारोह को वायरस फैलाने का जिम्मेदार ठहराते हुए महामारी को ‘‘साम्प्रदायिक रंग’’ दे दिया।

उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान जब कोविड-19 के मामले और मृतकों की संख्या बढ़ रही थी तो मोदी सरकार पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने में व्यस्त थी।

पटोले ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने देश को कोविड-19 संकट की ओर धकेल दिया इसलिए उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस्तीफा देना चाहिए।’’

उन्होंने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के कथित कुप्रबंधन को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार के पास किसानों के मुद्दों को हल करने का वक्त नहीं है।

इस बीच, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने पुणे में केंद्र के खिलाफ एक प्रदर्शन की अगुवाई की जबकि राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चह्वाण ने औरंगाबाद में प्रदर्शन किया।

राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने नासिक में, ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने नागपुर, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वदेत्तीवार ने अमरावती और चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने लातूर में प्रदर्शन किया।

महाराष्ट्र के राकांपा प्रमुख जयंत पाटिल ने एक वेबकास्ट में कहा कि यह ऐसा समय है जब सोशल मीडिया का इस्तेमाल मोदी सरकार को उसकी विफलताएं बताने के लिए की जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि विपरीत समय में सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम जारी रखना आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं देने जैसा है।

राज्य के जल संसाधन मंत्री ने दावा किया कि पिछले सात वर्षों में सामाजिक अलगाव काफी बढ़ गया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ सोशल मीडिया ने मोदी को सत्ता तक पहुंचने में मदद की और अब सरकार अब इसे कमतर करना चाहती है।’’

पाटिल ने कहा कि सोशल मीडिया मोदी सरकार को अब आईना दिखा रही है। गरीब और आम लोगों को पिछले सात वर्षों में जो परेशानी हुई है, उसे बताने के लिए आगे आना चाहिए।

वहीं राकांपा के प्रमुख प्रवक्ता महेश तपासे ने एक ट्वीट में कहा कि मोदी सरकार के सात साल में सामाजिक ताना-बाना टूटा है।

नितिन राउत ने नागपुर में दावा किया कि पिछले सात वर्षों से केंद्र में मोदी सरकार का होना देश के लिए 'घातक' साबित हुआ है।

वहीं महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार कोविड-19 महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने में विफल रही और करीब 12.21 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गईं।

मोदी नीत केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने के मौके पर एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चव्हाण ने कहा कि केंद्र सरकार ने निर्णय लेने की सभी शक्तियां अपने पास रखीं और अब जब महामारी नियंत्रण के बाहर चली गई तो वह राज्य सरकारों पर दोषारोपण कर रही है।

उनसे जब मोदी सरकार में उनके पसंदीदा मंत्री के बारे में पूछा गया तो उन्होंने नागपुर से सांसद नितिन गडकरी का नाम लिया और कहा कि वैचारिक मतभेदों के बाद भी वह ‘दूसरी पार्टियों के साथ संवाद’ करते हैं। उन्होंने कहा कि वह सही व्यक्ति हैं, जो कि एक गलत दल में हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Seventh anniversary of Modi government: Shiv Sena advises to introspect

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे