कोविड रोधी टीके से संबंधित थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के सात मामले, एक व्यक्ति की मौत

By भाषा | Updated: October 18, 2021 21:36 IST2021-10-18T21:36:56+5:302021-10-18T21:36:56+5:30

Seven cases of thrombotic thrombocytopenia related to anti-Covid vaccine, one death | कोविड रोधी टीके से संबंधित थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के सात मामले, एक व्यक्ति की मौत

कोविड रोधी टीके से संबंधित थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के सात मामले, एक व्यक्ति की मौत

नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर दिल्ली के एक प्रमुख निजी अस्पताल ने सोमवार को कहा कि संस्थान में ‘गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट’ के माध्यम से कोविड रोधी टीके से संबंधित थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (वीआईटीटी) के सात मामले सामने आए हैं और जटिलताओं के चलते इनमें से एक मरीज की मौत हो गई है।

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया में रक्त में प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है और थ्रोम्बोसिस का मतलब रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के बनने से है।

सर गंगाराम अस्पताल (एसजीआरएच) के डॉक्टरों ने दावा किया कि भारत में वीआईटीटी का पहला मामला इस साल जून में सामने आया था जब संस्थान को एक युवा मरीज के सीरम का नमूना दिल्ली छावनी स्थित सेना अस्पताल (रिसर्च एंड रेफरल) से भेजा गया था और ‘गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट’ से इसकी पुष्टि हुई थी।

एसजीआरएच ने कहा कि दुर्भाग्य से, मरीज को देर से रेफर किए जाने की वजह से उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि एडेनोवायरस वेक्टर कोविड टीका लगवाने के बाद रक्त के थक्के बनने और प्लेटलेट कम होने के दुर्लभ मामले सामने आए हैं जिसे वीआईटीटी या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि 2021 की शुरुआत से डेनमार्क, ब्रिटेन, जर्मनी और कनाडा में भी ऐसे मामले सामने आए हैं तथा 11 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र ने टीटीएस के निदान और प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।

बयान में कहा गया कि टीके से संबंधित थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (वीआईटीटी) के "पहले मामले" का निदान और पुष्टि जून 2021 में डॉ ज्योति कोतवाल के नेतृत्व में एसजीआरएच के रक्त विज्ञान विभाग द्वारा की गई थी और इस बारे में 29 सितंबर को इंडियन जर्नल ऑफ हेमटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन में रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी।

कोतवाल ने कहा कि इन सात मामलों में सभी लोगों को कोविशील्ड टीका लगा था जो एडेनोवायरस वेक्टर टीका है।

अस्पताल के अधिकारियों ने दावा किया कि भारत में सर गंगाराम अस्पताल का रक्त विज्ञान विभाग ही ‘‘भारत में एकमात्र’’ केंद्र है जहां ‘गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट’ किया जाता है।

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Web Title: Seven cases of thrombotic thrombocytopenia related to anti-Covid vaccine, one death

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