ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिंदी के वरिष्ठ कवि केदारनाथ सिंह का निधन
By कोमल बड़ोदेकर | Updated: March 19, 2018 22:35 IST2018-03-19T22:30:11+5:302018-03-19T22:35:06+5:30
2013 में केदारनाथ सिंह की सेवाओं के लिए उन्हें साहित्य के सबसे बड़े सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिंदी के वरिष्ठ कवि केदारनाथ सिंह का निधन
नई दिल्ली, 19 मार्च। पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे हिंदी के वरिष्ठ कवि केदारनाथ सिंह का 86 साल की उम्र में सोमवार को दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया। पेट में दर्द की शिकायत के चलते उन्हें इलाज के लिए दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल (अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान) में भर्ती कराया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार शाम करीब 8 बजकर 40 मिनट पर उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। केदारनाथ सिंह अपने पीछे परिवार में एक पुत्र और पांच पुत्रियां छोड़ गए हैं।
2013 में केदारनाथ सिंह की सेवाओं के लिए उन्हें साहित्य के सबसे बड़े सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वह हिन्दी के 10वें लेखक हैं। इसके अलावा उन्हें मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, कुमारन आशान पुरस्कार, जीवन भारती सम्मान, दिनकर पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। सिंह के निधन की खबर से हिंदी साहित्यकारों एवं उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में 1932 में जन्मे केदारनाथ सिंह नई कविता के अग्रणी कवियों में शुमार थे। केदारनाथ सिंह हिंदी कविता में नए बिंबों के प्रयोग के लिए जाने जाते हैं। उनकी कविताएं जटिल विषयों को सहज एवं सरल भाषा में व्यक्त करती हैं। सिंह ने बनारस विश्वविद्यालय से 1956 में हिन्दी में एमए और 1964 में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा केंद्र में बतौर आचार्य और अध्यक्ष के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
केदारनाथ सिंह ने कविता, आलोचना करने के साथ-साथ कई पुस्तकों का संपादन भी किया है। उनकी कुछ प्रमुख कविता संग्रह-अभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहां से देखो, बाघ, अकाल में सारस, उत्तर कबीर और अन्य कविताएं, तालस्ताय और साइकिल, सृष्टि पर पहरा है। जबकि उनकी आलोचना कल्पना और छायावाद, आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान, मेरे समय के शब्द, मेरे साक्षात्कार जैसी पुस्तकें शामिल हैं।