सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगाई, समीक्षा होने तक नहीं दर्ज होगा नया मामला

By विशाल कुमार | Updated: May 11, 2022 12:07 IST2022-05-11T12:01:26+5:302022-05-11T12:07:25+5:30

केंद्र सरकार को राजद्रोह कानून की समीक्षा और उस पर पुरर्विचार करने का समय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजद्रोह कानून के तहत पहले से ही केस का सामना कर रहे लोग जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

sedition law paused supreme court centre reexamine | सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगाई, समीक्षा होने तक नहीं दर्ज होगा नया मामला

सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगाई, समीक्षा होने तक नहीं दर्ज होगा नया मामला

Highlightsसीजेआई एनवी रमना ने कहा कि भारत संघ कानून पर पुनर्विचार करेगा।सीजेआई ने कहा कि कि आगे की समीक्षा समाप्त होने तक कानून के इस प्रावधान का उपयोग न किया जाए।यदि कोई नया मामला दायर किया जाता है, तो आरोपित लोग अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

नई दिल्ली: औपनिवेशिक राजद्रोह कानून को रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एक बड़ा फैसला करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी है।

केंद्र सरकार को राजद्रोह कानून की समीक्षा और उस पर पुरर्विचार करने का समय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजद्रोह कानून के तहत पहले से ही केस का सामना कर रहे लोग जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि भारत संघ कानून पर पुनर्विचार करेगा। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है। अटॉर्नी जनरल ने हनुमान चालीसा मामले में दर्ज देशद्रोह के आरोप का भी जिक्र किया था।

उन्होंने आगे कहा कि यह उचित होगा कि आगे की समीक्षा समाप्त होने तक कानून के इस प्रावधान का उपयोग न किया जाए। हम आशा और उम्मीद करते हैं कि केंद्र और राज्य 124-ए के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज करेंगे या फिर से समीक्षा समाप्त होने तक उसी के तहत कार्यवाही शुरू करेंगे।

यदि कोई नया मामला दायर किया जाता है, तो आरोपित लोग अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भारत संघ को कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए राज्यों को निर्देश पारित करने की स्वतंत्रता है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। 

Web Title: sedition law paused supreme court centre reexamine

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