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H3N2 Subtype: इन्फ्लुएंजा के मामले मार्च के अंत तक होंगे कम, केंद्र सरकार की एच3एन2 पर कड़ी नजर

By रुस्तम राणा | Updated: March 10, 2023 18:12 IST

कर्नाटक और हरियाणा ने एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से एक-एक मौत की पुष्टि की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बच्चों, बुजुर्ग लोगों को कॉमरेडिटी वाले लोग इन्फ्लूएंजा की चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं। 

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ठळक मुद्देकर्नाटक और हरियाणा में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से एक-एक मौत की पुष्टि हुईइस वायरस की चपेट में बुजुर्ग, बच्चे और कॉमरेडिटी वाले लोग चपेट में सबसे ज्यादा आते हैंसरकार इस पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम नेटवर्क के माध्यम से नज़र रखे हुए है

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि मौसमी इन्फ्लुएंजा के मामलों में मार्च के अंत तक गिरावट आने की उम्मीद है और सरकार एच3एन2 सबटाइफ की कड़ी निगरानी कर रही है। अब तक, कर्नाटक और हरियाणा ने एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से एक-एक मौत की पुष्टि की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बच्चों, बुजुर्ग और कॉमरेडिटी वाले लोग इन्फ्लूएंजा की चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं। 

सरकार ने कहा कि वह वास्तविक समय के आधार पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम नेटवर्क के माध्यम से इन्फ्लुएंजा के मामलों पर नज़र रख रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा जारी सलाह का पालन किया जाना है।

आईडीएसपी-आईएचआईपी (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्यों द्वारा 9 मार्च तक एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उप-प्रकार के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की गई है। इसमें अब तक जनवरी में 1,245, फरवरी में 1,307 और मार्च में 486 मामले शामिल हैं।

स्वास्थ्य सुविधाओं से आईडीएसपी-आईएचआईपी डेटा दिखाता है कि इस साल जनवरी के महीने के दौरान, देश से तीव्र श्वसन बीमारी/इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (एआरआई/आईएलआई) के कुल 3,97,814 मामले सामने आए, जो फरवरी के दौरान थोड़ा बढ़कर 4,36,523 हो गए। मार्च के पहले नौ दिनों में यह संख्या 1,33,412 रही।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल फरवरी के अंत तक कुल 955 एच1एन1 के मामले सामने आए हैं। एच1एन1 के अधिकांश मामले तमिलनाडु (545), इसके बाद महाराष्ट्र (170), गुजरात (74), केरल (42) और पंजाब (28) से दर्ज किए गए हैं।

गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के भर्ती मामलों का संबंधित डेटा जनवरी में 7,041, फरवरी में 6,919 और मार्च के पहले नौ दिनों में 1,866 है।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल फरवरी के अंत तक कुल 955 एच1एन1 के मामले सामने आए हैं। एच1एन1 के अधिकांश मामले तमिलनाडु (545), इसके बाद महाराष्ट्र (170), गुजरात (74), केरल (42) और पंजाब (28) से दर्ज किए गए हैं। 

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