वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा- दिल्ली के प्रदूषण का दोष किसानों को देना बंद करें, धान जैविक पार्क बनाने पर दें ध्यान

By भाषा | Published: November 5, 2019 05:10 AM2019-11-05T05:10:33+5:302019-11-05T05:10:33+5:30

स्वामीनाथन ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘हमें किसानों को दोषी ठहराना बंद करना चाहिए, क्योंकि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। इसके बजाय हमें ऐसे तरीके अपनाने चाहिये जो आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से वांछनीय हों।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण ‘राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर’ पर सार्वजनिक स्वास्थ्य की चिंता का विषय बन गया है।

Scientist MS Swaminathan said- Stop giving blame to Delhi's pollution to farmers, focus on building paddy organic park | वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा- दिल्ली के प्रदूषण का दोष किसानों को देना बंद करें, धान जैविक पार्क बनाने पर दें ध्यान

वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा- दिल्ली के प्रदूषण का दोष किसानों को देना बंद करें, धान जैविक पार्क बनाने पर दें ध्यान

Highlightsदिल्ली के मुख्यमंत्री सहित कई लोग किसानों पर फसल अवशेष जलाने और इससे प्रदूषण फैलने का आरोप लगा रहे हैं। हाल ही में, म्यामां के ‘ने प्यी ताव’ में एम. एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा एक धान बायो-पार्क की स्थापना की गई थी।

प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में फैले वायु प्रदूषण के लिये किसानों को दोष देना बंद किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि इससे कोई हल नहीं निकलने वाला। इसकी जगह दिल्ली और पड़ोसी राज्यों की सरकारों को धान जैविक पार्क बनाने चाहिये, जिससे किसानों को पराली नष्ट करने के हरित तरीके अपनाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि  दक्षिण भारत में फसलों के अवशेषों का इस्तेमाल पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है, अत: वहां इसे नहीं जलाया जाता है। उन्होंने कहा कि वह लगातार कई सालों से चावल के भूसे के कई आर्थिक उपयोग की ओर इशारा करते रहे हैं।

स्वामीनाथन ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘हमें किसानों को दोषी ठहराना बंद करना चाहिए, क्योंकि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। इसके बजाय हमें ऐसे तरीके अपनाने चाहिये जो आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से वांछनीय हों।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण ‘राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर’ पर सार्वजनिक स्वास्थ्य की चिंता का विषय बन गया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री सहित कई लोग किसानों पर फसल अवशेष जलाने और इससे प्रदूषण फैलने का आरोप लगा रहे हैं। हाल ही में, म्यामां के ‘ने प्यी ताव’ में एम. एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा एक धान बायो-पार्क की स्थापना की गई थी। इसे भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया था।

उन्होंने कहा कि धान के बायोपार्क से पता लगता है कि कागज, कार्डबोर्ड और पशु आहार सहित विभिन्न उत्पादों को बनाने के लिए किस तरह से फसल अवशेष का उपयोग किया जा सकता है। 

Web Title: Scientist MS Swaminathan said- Stop giving blame to Delhi's pollution to farmers, focus on building paddy organic park

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