दिल्ली विधानसभा के नीचे मिली सुरंग की हो वैज्ञानिक जांच : विशेषज्ञ

By भाषा | Published: September 5, 2021 08:35 PM2021-09-05T20:35:41+5:302021-09-05T20:35:41+5:30

Scientific investigation of tunnel found under Delhi Assembly: Experts | दिल्ली विधानसभा के नीचे मिली सुरंग की हो वैज्ञानिक जांच : विशेषज्ञ

दिल्ली विधानसभा के नीचे मिली सुरंग की हो वैज्ञानिक जांच : विशेषज्ञ

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) समेत इतिहासकारों और विरासत विशेषज्ञों ने दिल्ली विधानसभा की विशाल इमारत के नीचे स्थित एक सुरंग की वैज्ञानिक जांच करने की मांग की है। इस रहस्यमय सुरंग के बारे में 2016 में पहली बार पता चला था, जिसके बाद से ही इसको लेकर कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी जब तक कि पुरातात्विक दृष्टिकोण से सुरंग की पूरी तरह से जांच नहीं की जाती या कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं मिलता। इस भूमिगत संरचना का मुख प्रतिष्ठित इमारत (पुराना सचिवालय) के असेंबली हॉल के फर्श के ठीक नीचे स्थित है, जिसका निर्माण 1912 में ब्रिटिश शासन द्वारा राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने के बाद किया गया था। सरकार इसे अगले वर्ष से आम जनता के लिए खोलने की योजना बना रही है। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने शुक्रवार को कहा था कि सुरंग के ऐतिहासिक महत्व के बारे में अभी तक स्पष्ट तौर पर पता नहीं चला है, लेकिन यह अनुमान लगाया जाता है कि सुरंग विधानसभा भवन को लाल किले से जोड़ती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उस स्थान पर एक 'फांसी घर’ था जहां भारतीय क्रांतिकारियों को ब्रिटिश शासन द्वारा लाया जाता था। हालांकि, कई इतिहासकारों और विरासत विशेषज्ञों ने इन दावों पर संदेह व्यक्त किया है और संरचना और जगह की वैज्ञानिक जांच का सुझाव दिया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच के अभाव में सिद्धांतों और अनुमानों की भरमार है। एएसआई अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, " इसलिए, नीचे की संरचनाओं को पहले पुरातात्विक रूप से देखा जाना चाहिए। भले ही मेट्रो और फ्लाईओवर के खंभों के कारण बाधाएं हों, संरचना की जांच करने के लिए प्रौद्योगिकी मौजूद है। जांच के बिना टिप्पणी करना बुद्धिमानी नहीं होगी।’’ अधिकारी के मुताबिक इसके अलावा, सुरंग के लाल किला से जुड़े होने का सिद्धांत थोड़ा सा असंभव लगता है क्योंकि 17वीं शताब्दी के मुगल स्मारक और ब्रिटिश युग के ऐतिहासिक स्थल के बीच की दूरी छह किलोमीटर से अधिक है। इसीलिए इतनी लंबी सुरंग की कल्पना करनी मुश्किल होगी। इतिहासकार और लेखक स्वप्ना लिडल को भी लगता है कि सुरंग के लाल किला से जुड़े होने का सिद्धांत एक अटकलबाजी है क्योंकि इसमें पुरातात्विक या दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है। लिडल ने पीटीआई-भाषा से कहा, "एक और संभावना यह है कि यह भंडारण या छिपने के लिए एक 'तहखाना' (एक तहखाना) था, ब्रिटिश 1857 के विद्रोह के बाद मूल आबादी से सावधान हो गए थे। इसलिए, इमारत के नीचे एक सुरक्षित मार्ग या ठिकाना बनाया गया हो सकता है।

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Web Title: Scientific investigation of tunnel found under Delhi Assembly: Experts

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