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महाराष्ट्र में 18 महीने बाद खुले विद्यालय, मुख्यमंत्री ने इसे ‘कठिन’ निर्णय करार दिया

By भाषा | Updated: October 4, 2021 18:21 IST

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मुंबई, चार अक्टूबर महाराष्ट्र में 18 महीने से अधिक समय बाद विद्यालय परिसर में पांचवी से 12वीं के विद्यार्थियों की कक्षाएं सोमवार से आखिरकार शुरू हो गईं और उनका स्वागत परिसर में फूलों, गुब्बारों, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों के साथ किया गया।

विद्यार्थी विद्यालय आकर, अपने दोस्तों और सहपाठियों तथा शिक्षकों से लंबे समय के बाद मिलकर बेहद खुश नजर आ रहे थे। विद्यालय के प्रवेशद्वारों पर कर्मियों ने सुनिश्चित किया कि सभी विद्यार्थी मास्क पहनें और हाथों में सैनिटाइजर लगाएं। कक्षाओं में एक बेंच पर सिर्फ एक ही विद्यार्थी को बैठने दिया गया।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि विद्यालयों को फिर से खोलने का निर्णय ‘बेहद कठिन’ था। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से विद्यार्थियों की देखभाल करने की अपील की।

राज्य में कोविड-19 के मद्देनजर अब तक सिर्फ उन्हीं इलाकों में विद्यार्थी विद्यालय आ रहे थे, जहां कोविड-19 के बेहद कम मामले सामने आ रहे थे।

महाराष्ट्र की स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने राज्य में स्कूल परिसर में कक्षाएं शुरू होने की पिछले महीने घोषणा की थी और सरकार ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की थी।

मंत्री ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ आज राज्य भर में स्कूल खुलने पर सभी अभिभावकों और छात्रों को शुभकामनाएं। हम आशा करते हैं कि आप एक सुरक्षित माहौल में अपने पहले दिन का आनंद लेंगे।’’

महाराष्ट्र सरकार के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में पांचवी से 12वीं कक्षाओं और शहरी इलाकों में आठवीं से 12वीं कक्षाओं के लिए स्कूल खुले हैं। ग्रामीण इलाकों में पहली से चौथी कक्षा और शहरी इलाकों में पहली से सातवीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल नहीं खुले हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री ठाकरे ने मंत्री गायकवाड़ और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में दक्षिणी मुंबई स्थित अपने आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में ‘माय स्टूडेंट : माय रिस्पॉन्सिबिलिटी’ (मेरे छात्र : मेरी जिम्मेदारी) के लोगो (प्रतीक चिह्न) का अनावरण किया।

इस मौके पर ठाकरे ने कहा कि विद्यालयों को फिर से खोलने का निर्णय लेना ‘बेहद कठिन’ था।

ठाकरे ने कहा, ‘‘ आज हम विद्यालयों के द्वार खुलते हुए देख रहे हैं लेकिन सिर्फ द्वार ही नहीं बल्कि बच्चों के भविष्य और तरक्की के दरवाजे खुल रहे हैं। बेहद सावधानीपूर्वक यह निर्णय लिया गया है।’’

उन्होंने कहा कि इस तरह के निर्णयों से पहले उन्होंने हमेशा कार्य बल से सलाह ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विद्यार्थियों के जीवन का सबसे मुश्किल भरा और चुनौतीपूर्ण समय है। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से विद्यार्थियों की देखरेख करने की अपील की। कार्यक्रम से पहले गायकवाड़ ने मुंबई में कुछ विद्यालयों का दौरा किया और विद्यार्थियों तथा शिक्षकों से बातचीत की।

मुंबई की महापौर किशोरी पेडनकर ने भी वर्ली इलाके में एक नगरपालिका स्कूल का दौरा किया और शिक्षकों तथा विद्यार्थियों से बात की।

कई विद्यालयों ने विद्यार्थियों का स्वागत रंगोली, फूलों और गुब्बारे से किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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