महामारी में स्कूल फीस: उच्चतम न्यायालय ने मप्र शिक्षा विभाग से ब्यौरा मांगा

By भाषा | Updated: August 19, 2021 20:24 IST2021-08-19T20:24:10+5:302021-08-19T20:24:10+5:30

School fees in epidemic: Supreme Court seeks details from MP Education Department | महामारी में स्कूल फीस: उच्चतम न्यायालय ने मप्र शिक्षा विभाग से ब्यौरा मांगा

महामारी में स्कूल फीस: उच्चतम न्यायालय ने मप्र शिक्षा विभाग से ब्यौरा मांगा

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा निदेशक को राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा पिछले साल दिए गए निर्देशों के अनुपालन के संबंध में विवरण संकलित करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने कहा था कि स्कूल कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों से केवल ट्यूशन फीस ले सकते हैं। उच्च न्यायालय ने पिछले साल चार नवंबर के अपने आदेश में यह भी कहा था कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि स्कूलों को दिए गए निर्देशों के अनुपालन के संबंध में संबंधित जिला समितियों से प्राप्त विवरण राज्य के शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा।न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि यदि शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 के छात्रों को उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं होने के संबंध में कोई शिकायत है, तो वे जिला स्तरीय समिति को अपना ज्ञापन दे सकते हैं। पीठ ने कहा, “हम मध्य प्रदेश राज्य के स्कूली शिक्षा निदेशक को निर्देश देते हैं कि वे संबंधित जिला समितियों से जिले के स्कूलों द्वारा किए गए अनुपालन का विवरण एकत्र करें और उस जानकारी को मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित करें। पीठ ने कहा कि यदि शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित आंकड़ों में कोई विसंगति है, तो स्कूल इसे संबंधित प्राधिकरण के ध्यान में ला सकते हैं। कुछ अभिभावकों और याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता मयंक क्षीरसागर ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि उच्च न्यायालय ने कहा था कि स्कूल केवल ट्यूशन फीस ले सकते हैं, लेकिन फीस का भुगतान नहीं करने की स्थिति में कोई सुरक्षा नहीं है। उन्होंने दावा किया कि कुछ स्कूलों ने ट्यूशन फीस में अन्य फीस जोड़ दिए हैं। पीठ ने राज्य की ओर से पेश वकील से कहा, "आपको अपने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहना होगा कि उच्च न्यायालय के आदेश को पूर्णतया लागू किया जाए।

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Web Title: School fees in epidemic: Supreme Court seeks details from MP Education Department

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