गुजरात दंगों पर SC का फैसला, बिल्कीस बानो को मुआवजा, नौकरी और मकान दे सरकार
By भाषा | Published: April 24, 2019 05:33 AM2019-04-24T05:33:26+5:302019-04-24T05:33:53+5:30
बिल्कीस बानो ने इससे पहले शीर्ष अदालत के समक्ष एक याचिका पर उन्हें पांच लाख रूपए मुआवजा देने की राज्य सरकार की पेशकश ठुकराते हुये ऐसा मुआवजा मांगा था जो दूसरों के लिये नजीर बने।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार की शिकार हुयी बिल्कीस बानो को 50 लाख रूपए मुआवजा, नौकरी और रहने के लिये मकान देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ को गुजरात सरकार ने सूचित किया कि इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
पीठ को राज्य सरकार के वकील ने सूचित किया कि इन पुलिस अधिकारियों के पेंशन लाभ रोक दिये गये हैं और बंबई उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराये गये आईपीएस अधिकारी की दो रैंक पदावनति कर दी गयी है। बिल्कीस बानो ने इससे पहले शीर्ष अदालत के समक्ष एक याचिका पर उन्हें पांच लाख रूपए मुआवजा देने की राज्य सरकार की पेशकश ठुकराते हुये ऐसा मुआवजा मांगा था जो दूसरों के लिये नजीर बने।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले गुजरात सरकार से कहा था कि बंबई उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराये गये आईपीएस अधिकारी सहित सभी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ दो सप्ताह के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये।
गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुये दंगों के दौरान बिल्कीस बानो बलात्कार कांड और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में विशेष अदालत ने 21 जनवरी, 2008 को 11 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी जबकि पुलिसकर्मियों और चिकित्सकों सहित सात आरोपियों को बरी कर दिया था।