Article 370: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य से संबंधित अनुच्छेद 370 को निरस्त करने संबंधी सरकार के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि इससे साबित हो गया कि केंद्र सरकार का फैसला ‘पूरी तरह से संवैधानिक’ था।
शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं, जिसमें अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के फैसले को बरकरार रखा गया है।’’ उन्होंने कहा कि पांच अगस्त 2019 को, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का एक ‘दूरदर्शी’ निर्णय लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘तब से जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति लौट आई है। प्रगति और विकास ने घाटी में मानव जीवन को नए अर्थ दिए हैं। पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में समृद्धि ने जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के निवासियों की आय के स्तर को बढ़ाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज उच्चतम न्यायालय के फैसले ने साबित कर दिया है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का निर्णय पूरी तरह से संवैधानिक था।’’
ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने अपने और न्यायमूर्ति बी आर गवई एवं न्यायमूर्ति सूर्यकांत की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था।
राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने की शक्ति है। शीर्ष अदालत ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा। केंद्र सरकार ने इस दिन अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
अनुच्छेद 370 पर न्यायालय का फैसला ‘ऐतिहासिक’: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने संबंधी सरकार के फैसले को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय को सोमवार को ‘ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए आशा, प्रगति और एकता की शानदार घोषणा है।
मोदी ने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर उच्चतम न्यायालय का आज का फैसला ऐतिहासिक है और संवैधानिक रूप से 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद द्वारा लिए गए निर्णय को बरकरार रखने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है।
न्यायालय ने अपने गहन विवेक से एकता के उस सार को मजबूत किया है जिसे हम भारतीय होने के नाते सबसे ऊपर मानते हैं।’’ प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके सपनों को पूरा करने की उनकी सरकार की प्रतिबद्धता अटूट है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ हैं कि प्रगति का फल न केवल आप तक पहुंचे, बल्कि हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए वाले वर्गों तक भी उनका लाभ पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण पीड़ित थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज का फैसला सिर्फ एक कानूनी फैसला नहीं है, यह आशा की किरण है, उज्ज्वल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।’’