नई दिल्ली: हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में कथित हेट स्पीच के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई करेगी।
उत्तराखंड सरकार ने रविवार को मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया। इस बीच, हरिद्वार कार्यक्रम के संबंध में 10 लोगों के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जहां कथित तौर पर कुछ प्रतिभागियों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ हेट स्पीच दी गई थी।
बता दें कि हरिद्वार में पिछले महीने एक धर्म संसद में अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति जता दी है। कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि हरिद्वार धर्म संसद मामले में एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
जमीयत उलेमा ए हिंद ने सोमवार यानि 10 जनवरी को उच्चतम न्यायालय में एक नई याचिका दायर की थी, जिसमें मुस्लिम विरोधी भाषणों और राष्ट्रीय राजधानी तथा उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित हुए धर्म संसद जैसे कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया था। इस याचिका आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
आरोप हैं कि हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 16-19 दिसंबर के दौरान धर्म संसद में कथित तौर पर अल्पसंख्यक लोगों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया गया था। इस मामले में एसआईटी की जांच भी चल रही है।
पंच दशनाम अखाड़ा के यती नरसिंहानंद और निरंजनी अखाड़ा की साध्वी अन्नपूर्णा, सिंधु सागर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है। इसके अलावा वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी पर भी मामला दर्ज किया गया है। हालांकि मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दरअसल हरिद्वार धर्म संसद के कुछ वीडियो भी सामने आए थे। इसे लेकर विपक्ष ने भी सवाल उठाया था। इसका आयोजन यती नरसिंहानंद द्वारा की गया था जो पहले भी अपने विवादित बातों के लिए चर्चा में रहे हैं।
इस कार्यक्रम के वायरल हुए क्लिप में प्रबोधानंद गिरी कहते नजर आए, 'म्यांमार की तरह हमारी पुलिस, हमारे राजनेता, हमारी सेना और हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए और एक सफाई अभियान करना चाहिए। कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।'