अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन कानून 2018 पर नरेंद्र मोदी सरकार को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कानून को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज किया है। इस पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आपत्ति जताई है। राहुल गांधी ने केंद की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संघ और बीजेपी की विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है। वे किसी न किसी तरह इसे खत्म करना चाहते हैं। रविदास मंदिर तोड़ा। ये चाहते हैं कि SC/ST कभी आगे न बढ़ें। आरक्षण को रद्द करने का तरीका है।'
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने आगे कहा कि बीजेपी/संघ कितने ही सपने देख लें वे आरक्षण को मिटने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि यह संविधान पर हमला है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति संशोधन अधिनियम 2018 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। कोर्ट ने संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता एवं आस्था संबंधी मामलों पर सात प्रश्न तैयार किए, जिनकी सुनवाई नौ न्यायाधीशों की पीठ करेगी। जस्टिस अरूण मिश्र, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस रवीन्द्र भट्ट की बेंच मामले ने एससी-एसटी संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। अब एससी-एसटी संशोधन कानून के मुताबिक शिकायत मिलने के बाद तुरंत एफआईआर दर्ज होगी और गिरफ्तारी होगी।
क्या है पूरा मामला-
20 मार्च 2018 में कोर्ट ने एससी-एसटी कानून के दुरुपयोग के मद्देनजर इसमें मिलने वाली शिकायतों को लेकर स्वत: एफआईआर और गिरफ्तारी के प्रावधान पर रोक लगा दी थी। इसके बाद संसद में कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए कानून में संशोधन किया गया था। संशोधित कानून की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
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