सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दिया नोटिस, महिलाओं के यौन शोषण कानून पर नहीं है किसी का ध्यान

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: January 4, 2018 16:08 IST2018-01-04T15:42:28+5:302018-01-04T16:08:32+5:30

यह एक्ट महिलाओं का कार्यस्‍थल पर यौन उत्पीड़न व मौलिक अधिकारों की पुष्टि करता है।

SC issues notices to states over no meditation in Sexual Harassment of Women at Workplace Act | सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दिया नोटिस, महिलाओं के यौन शोषण कानून पर नहीं है किसी का ध्यान

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दिया नोटिस, महिलाओं के यौन शोषण कानून पर नहीं है किसी का ध्यान

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन शोषण कानून पर ठीक से ध्यान ना देने को लेकर सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक महिला के याचिका के बाद यह कदम उठाया गया। याचिका में महिला ने अपने कार्यस्‍थल पर होने वाली छेड़छाड़ के बारे में शिकायत की थी। लेकिन पुलिस भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही थी। इसलिए महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

क्या है कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम, 2013 

यह कानून कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम, 2013 के तहत किया गया है। इसमें कार्यस्‍थल पर महिलाओं को जबरदस्ती परेशान करना, उनके साथ अश्‍लील बातें करना और छेड़ना, शरीर को छूने का कोशिश करना, गंदे इशारे करना आदि जैसे काम यौन उत्‍पीड़न मामले में आते हैं। 

यह एक्ट महिलाओं के समानता और मौलिक अधिकारों की पुष्टि करता है इसके तहत उन्‍हें पूरी गरिमा और अधिकार के साथ समाज में रहने, किसी व्‍यापार या कार्य को करने की आजादी है जिसमें भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 19(1)(छ) अंतर्गत दिए किए गए नियम के अनुसार, कार्यस्‍थल का वातावरण पूरी तरह सुरक्षित और यौन शोषण रहित होना भी शामिल है।

Web Title: SC issues notices to states over no meditation in Sexual Harassment of Women at Workplace Act

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