तीस हजारी मामला: वकीलों ने दायर की थी मीडिया कवरेज पर बैन की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 7, 2019 12:10 PM2019-11-07T12:10:19+5:302019-11-07T12:10:19+5:30

SC dismisses Lawyer's petition: सुप्रीम कोर्ट ने तीस हजारी मामले की मीडिया कवरेज पर बैन लगाने की वकीलों की याचिका की खारिज

SC dismisses Lawyer's petition to ban on media coverage in tis hazari case | तीस हजारी मामला: वकीलों ने दायर की थी मीडिया कवरेज पर बैन की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की तीस हजारी के मीडिया कवरेज पर बैन की याचिका

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने तीस हजारी मामले पर बैन लगाने की वकीलों की याचिका खारिज कीपुलिस से झड़प के विरोध में वकीलों की हड़ताल लगातार चौथे दिन भी जारी

सुप्रीम कोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट मामले में पुलिस के साथ चल रहे अपने विवाद पर मीडिया बैन लगाने की वकीलों की याचिका खारिज कर दी है। वकील चाहते थे कि कोर्ट इस विवाद के मीडिया कवरेज पर बैन लगा दे। 

एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया कवरेज पर बैन लगाने की ये वकीलों की तीसरी कोशिश थी, सुप्रीम कोर्ट से पहले वह ऐसी ही याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में भी दाखिल कर चुके थे, लेकिन दोनों बार उनकी याचिकाएं खारिज हो गई थीं। 

तीस हजारी घटना के विरोध में वकीलों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को पुलिस के साथ हुई झड़प के विरोध में वकील सोमवार से ही हड़ताल पर हैं। वकीलों की हड़ताल से दिल्ली की सभी छह अदालतों का कामकाज ठप है। हड़ताली वकील उनके ऊपर कथित तौर पर गोली चलाने वाले पुलिसवालों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। 

बुधवार की तरह ही गुरुवार को भी वकीलों ने साकेत कोर्ट और पटियाला हाउस कोर्ट के दरवाजे बंद कर दिए, जिससे वादी अंदर न पाएं। 

दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की थी गृह मंत्रालय, पुलिस की याचिका

इससे पहले बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने तीस हजारी मामले में दायर की गई गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस की पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी थीं। गृह मंत्रालय की याचिका में दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच झड़प को लेकर कोर्ट की ओर से 3 नवंबर को दिये गये आदेश में स्पष्टता की मांग की गई थी। 

वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद अदालत ने वकीलों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया। हालांकि कोर्ट ने इस स्पष्ट किया कि उसका आदेश सिर्फ दो एफआईआर तक ही सीमित है और अन्य मामलों में वकीलों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक नहीं है। 

तीस हजारी घटना के बाद दो वकीलों के खिलाफ दर्ज हुई इन एफआईआर पर कोर्ट ने उनके खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई न करने का आदेश दिया था। वहीं दिल्ली पुलिस की साकेत कोर्ट की घटना के मामले में वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी थी। 

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