साहित्यिक चोरी के आरोप मामले में इतिहासकर विक्रम सम्पत को झटका, हाईकोर्ट ने कहा- 1000 लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा नही दे सकते

By विशाल कुमार | Published: March 5, 2022 07:17 AM2022-03-05T07:17:18+5:302022-03-06T07:16:57+5:30

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इतिहासकार विक्रम संपत ने कहा कि अगर दुनिया के शिक्षाविदों का विचार है कि आपने साहित्यिक चोरी या कुछ और किया है, तो आप इस बारे में बात करने वाले 1000 लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा प्राप्त नहीं कर सकते।

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साहित्यिक चोरी के आरोप मामले में इतिहासकर विक्रम सम्पत को झटका, हाईकोर्ट ने कहा- 1000 लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा नही दे सकते

Highlightsसावरकर की जीवनी के संबंध में विक्रम संपत पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया गया है।कोर्ट ने 18 फरवरी को डॉ. ऑड्रे ट्रुश्के व दो अन्य को उनके पत्र को आगे प्रकाशित करने से रोक दिया था।अदालत ने कहा कि आप सोशल मीडिया पर रखी जाने वाली राय को रोक नहीं कर सकते।

नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इतिहासकार विक्रम संपत ने कहा कि शिक्षाविदों को उनके खिलाफ साहित्यिक चोरी के आरोपों के बारे में बहस करने का अधिकार है और उन्हें हर हफ्ते उनके खिलाफ निषेधाज्ञा की मांग करने वाले आवेदन दाखिल करने से बचना चाहिए। अदालत पहले ही ऑड्रे ट्रुश्के के पाँच ट्वीट को हटाने का आदेश दे चुकी है। अदालत ने ट्रुश्के एवं अन्य को उस पत्र को भी आगे प्रकाशित करने पर रोक लगा दी थी जिसमें सम्पत पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया गया था। 

जस्टिस अमित बंसल ने इतिहासकार डॉ. ऑड्रे ट्रुश्के द्वारा पोस्ट किए गए कुछ नए ट्वीट्स को हटाने की मांग करते हुए संपत द्वारा दायर एक आवेदन की सुनवाई के दौरान कहा कि आप अकादमिक जगत में इस विषय पर चर्चा को कम नहीं कर सकते। आपकी कार्रवाई का कारण केवल उन प्रतिवादियों के लिए है जो कथित रूप से आपको बदनाम कर रहे हैं, इसके लिए अदालत ने एक आदेश पारित किया है, लेकिन अगर दुनिया के शिक्षाविदों का विचार है कि आपने साहित्यिक चोरी या कुछ और किया है, तो आप इस बारे में बात करने वाले 1000 लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा प्राप्त नहीं कर सकते। इसके पहले 24 फरवरी को अदालत ने विक्रम सम्पत की माहानि याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्विटर को ऑड्रे ट्रुश्के द्वारा किये गये पाँच ट्वीट को हटाने का आदेश दिया था। 

अदालत ने 18 फरवरी को ट्रुस्के, डॉ. अनन्या चक्रवर्ती और डॉ. रोहित चोपड़ा को उनके उस पत्र को आगे प्रकाशित करने से रोक दिया था, जिसमें इतिहासकार डॉ. विक्रम संपत पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया गया था। 24 फरवरी को, अदालत ने ट्विटर को ट्रुश्के के पांच ट्वीट्स को हटाने का निर्देश भी दिया था।

शुक्रवार को, संपत ने अपने वकीलों के माध्यम से अदालत को बताया कि ट्रुशके ने अब डॉ. के लिए "75+ संबंधित विद्वानों द्वारा समर्थन का एक खुला पत्र पोस्ट किया है। अनन्या चक्रवर्ती, रोहित चोपड़ा, और ऑड्रे ट्रुश्के ने पेशे के लिए उनकी सेवा और डॉ विक्रम संपत की साहित्यिक चोरी की ओर ध्यान आकर्षित करने में अकादमिक स्वतंत्रता के संबंध में। और उसके पांच और ट्वीट हटाने और भारत में उसके खाते को ब्लॉक करने की मांग की।

शुक्रवार को संपत ने कोर्ट से कहा कि ट्रुश्के ने अब डॉक्टरों अनन्या चक्रवर्ती, रोहित चोपड़ा और ऑड्रे ट्रुश्के के पेशे और अकादमिक स्वतंत्रता के लिए उनकी सेवा के बारे में समर्थन के लिए 75 संबंधित विद्वानों द्वारा डॉ. विक्रम संपत की साहित्यिक चोरी की ओर ध्यान आकर्षित करने का एक खुला पत्र पोस्ट किया है। इसमें संपत ने ट्रुश्के के पांच और ट्वीट हटाने और भारत में उनके खाते को ब्लॉक करने की मांग की थी।

हालांकि, जस्टिस बंसल ने कहा कि पत्र में कुछ भी मानहानिकारक नहीं है और इसे पोस्ट करने में कुछ भी गलत नहीं है।

अदालत ने कहा कि अगर कुछ शिक्षाविदों का मानना है कि आपने साहित्यिक चोरी की है... देखिए, आप अंततः दुनिया को रोक नहीं सकते। आपके समर्थन में भी एक पत्र प्रसारित किया जाता है, जिसमें कहा जाता है कि आप जो कह रहे हैं वह सही है। आप सोशल मीडिया पर रखी जाने वाली राय को रोक नहीं कर सकते। मैं कोई आदेश पारित नहीं करने जा रहा हूं।

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