Saran Lok Sabha Seat 2024: सारण सीट पर रोहिणी आचार्य बनाम भाजपा, 4 बार जीत चुके हैं राजीव प्रताप रूडी, क्या है इतिहास और समीकरण

By एस पी सिन्हा | Published: March 23, 2024 05:15 PM2024-03-23T17:15:47+5:302024-03-23T17:16:41+5:30

Saran Lok Sabha Seat 2024: लोकसभा चुनाव 2014 में लालू प्रसाद यादव की पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराया था। इसके बाद 2019 में भी इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा।

Saran Lok Sabha Seat 2024 Rohini Acharya vs BJP Rajiv Pratap Rudy has won 4 times what is history and equation lalu yadav rabri devi | Saran Lok Sabha Seat 2024: सारण सीट पर रोहिणी आचार्य बनाम भाजपा, 4 बार जीत चुके हैं राजीव प्रताप रूडी, क्या है इतिहास और समीकरण

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Highlightsचुनाव में एनडीए के बीच सीट बंटवारे में सारण लोकसभा सीट भाजपा के खाते में आई है। जय प्रकाश नारायण की जन्मस्थली सारण निर्वाचन क्षेत्र बिहार में महत्वपूर्ण राजनीतिक महत्व रखता है। 1977 में अपनी संसदीय यात्रा शुरू करने वाले लालू यादव इस निर्वाचन क्षेत्र से चार बार सांसद चुने गए हैं।

Saran Lok Sabha Seat 2024: लोकसभा चुनाव में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने परिवार के एक और सदस्य रोहिणी आचार्य का राजनीति में उतारने जा रहे हैं। इस सीट पर राजद ने रोहिणी आचार्य को उम्मीदवार बनाया है। सारण लोकसभा सीट पर वैसे तो राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की गहरी पकड़ मानी जाती रही है। लेकिन साल 1996 से अब तक भाजपा के राजीव प्रताप रूडी इस सीट पर चार बार जीत हासिल कर चुके हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2014 में लालू प्रसाद यादव की पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराया था। इसके बाद 2019 में भी इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा।

इस बार के चुनाव में एनडीए के बीच सीट बंटवारे में सारण लोकसभा सीट भाजपा के खाते में आई है। जय प्रकाश नारायण की जन्मस्थली सारण निर्वाचन क्षेत्र बिहार में महत्वपूर्ण राजनीतिक महत्व रखता है। इसे राज्य की सबसे हाई-प्रोफाइल संसदीय सीटों में से एक माना गया है। 1977 में अपनी संसदीय यात्रा शुरू करने वाले लालू यादव इस निर्वाचन क्षेत्र से चार बार सांसद चुने गए हैं।

उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी इस सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं। 2009 के चुनाव में लालू यादव सारण से विजयी हुए थे। हालांकि, चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। नतीजतन, राबड़ी देवी ने 2014 में इस सीट से चुनाव लड़ा। इसके बावजूद, मोदी लहर के खिलाफ राजद के सभी प्रयास व्यर्थ गए और राजीव प्रताप रूडी जीत हासिल कर संसद में लौट आए।

2019 के चुनाव में राजीव प्रताप रूडी ने 4,99,342 वोटों के साथ एक बार फिर जीत हासिल की, जबकि राजद के चंद्रिका राय को 3,60,913 वोट मिले। इसी तरह 2014 में राजीव प्रताप रूडी ने राजद की राबड़ी देवी को 3,55,120 वोटों से 3,14,172 वोटों से हराया था। बता दें कि 29 साल की उम्र में पहली बार 1977 में लालू यादव छपरा सीट से पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

साल 1989 और 2004 में भी इस सीट का प्रतिनिधित्व लालू यादव ने किया था। सारण लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1,268,338  है। इसमें 580,605 महिला मतदाता हैं। वहीं, पुरुष मतदाताओं की आबादी 687,733 है। सारण में जातीय समीकरण में यादवों की आबादी 25 फीसदी और राजपूतों की 23 फीसदी। राजद यादव और भाजपा राजपूत जाति के उम्मीदवार उतारती है।

इनके अलावा सारण में वैश्य वोटर 20 फीसदी, अल्पसंख्यक 13 फीसदी और दलित 12 फीसदी हैं। बिहार की राजनीति में लालू परिवार के दखल के कारण सारण लोकसभा वीआईपी सीटों में गिना जाता है। अब लालू यादव ने परिवार के सहारे ही सारण लोकसभा की वैतरणी पार करना चाहते हैं।

पिछले दो चुनावों से सारण में राजीव प्रताप रूडी के प्रतिनिधित्व में भगवा झंडा फहरा रहे हैं। लालू परिवार के सदस्य भगवा को रोकने के लिए रोहिणी आचार्य को ताल ठोकने के लिए उतार दिया है। वैसे भाजपा ने अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन अब माना जा रहा है कि भाजपा राजीव प्रताप रूडी के सहारे ही लालू परिवार को मात दे सकती है।

कारण कि राजीव प्रताप रूडी भी सारण लोकसभा सीट से पुराने खिलाड़ी रहे हैं। रुडी ने साल 1996 और साल 1999 में दो बार सारण सीट का प्रतिनिधित्व किया। साल 1999 में रुडी को वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था। मोदी सरकार में भी मंत्री बने। 

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