महाराष्ट्र में सरकार बनाने के चल रहे मंथन के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि बहुत जल्द अच्छी खबर मिलेगी। उन्होंने कहा 'जब 3 दल सरकार बनाते हैं तो प्रक्रिया लंबी होती है। यह प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। 2-5 दिनों में जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तो महाराष्ट्र में एक सरकार बनाई जाएगी। राउत ने कहा 'महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बने यही राज्य के की जनता की इच्छा है। ये राज का भाव उद्धव ठाकरे जी का नाम है।
बता दें कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेताओं की बीच बुधवार (20 नवंबर) को राष्ट्रीय राजधानी में शरद पवार के आवास पर हुए बातचीत फिलहाल बेनतीजा रही है। कांग्रेस का कहना है कि महाराष्ट्र को हम जल्द एक स्थिर सरकार देने वाले हैं।
लोकमत समाचार के संवाददाता शीलेश शर्मा के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना सरकार की औपचारिक घोषणा अगले 72 घंटों में की जा सकती है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि कांग्रेस-एनसीपी की आज लंबी और सकारात्मक चर्चा हुई। आगे चर्चाएं जारी रहेंगी। मुझे यकीन है कि हम बहुत जल्द महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार देने में सक्षम होंगे।
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चव्हाण ने कहा कि चर्चा अभी एक-दो दिन और चलेगी। मलिक ने कहा कि वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा की। चर्चा अभी चलेगी। तीनों पार्टियों के साथ आए बिना कोई सरकार नहीं बन सकती। सरकार हम जल्द बनाने जा रहे हैं। हम जल्द ही इस निर्णय का ऐलान कर देंगे। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर हुई बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर तौर-तरीकों को तय करने पर चर्चा हुई। इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश, मल्लिकार्जुन खड़गे, पृथ्वीराज चव्हाण, केसी वेणुगोपाल, बालासाहेब थोराट ने हिस्सा लिया। वहीं राकांपा की ओर से बैठक में सुप्रिया सुले, अजित पवार, जयंत पाटिल, नवाब मलिक शामिल हुए।
गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटें हासिल नहीं कर पाई। बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली, जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं।
गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को बहुमत तो मिला लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के चलते वे मिलकर सरकार नहीं बना पाईं। बीजेपी और शिवसेना के अलग-अलग रास्ते अख्तियार करने के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के पास पहुंची। हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक तीनों पार्टियों के बीच सरकार गठन को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।