संजय राउत ने भाजपा द्वारा "जनाब सेना" कहे जाने पर कहा, 'शिवसेना हिंदुत्ववादी पार्टी थी, है और रहेगी'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 22, 2022 17:02 IST2022-03-22T16:57:17+5:302022-03-22T17:02:37+5:30
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देने के लिए कहना महाविकास अघाड़ी सरकार की गलती थी, जिसे नवाब मलिक के मामले में दोहराया नहीं जाएगा। शिवसेना को भाजपा द्वारा "जनाब सेना" कहने पर राउत ने भाजपा की जमकर खिंचाई की।

फाइल फोटो
नागपुर: शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना एक हिंदुत्ववादी पार्टी थी, है और हमेशा रहेगी। पत्रकारों से बात करते हुए राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक विचारधारा पर सवाल उठाते हुए कहा, “राजनीतिक विचारधारा का सवाल भाजपा से पूछा जाना चाहिए जब उन्होंने कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार बनाई। तब उनकी राजनीतिक विचारधारा कहां गई थी ? मेरे पास उनको लेकर ऐसे कई प्रश्न हैं।"
विदर्भ क्षेत्र में शिवसेना के जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान नागपुर में संवाददाता सम्मेलन करते हुए संजय राउत ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को भाजपा द्वारा "जनाब सेना" करार देने के लिए भाजपा की जमकर खिंचाई की।
एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देने के लिए कहना महाविकास अघाड़ी सरकार की गलती थी, जिसे नवाब मलिक के मामले में दोहराया नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा, "नवाब मलिक को कभी भी उद्धव मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा जाएगा।" मालूम हो कि एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने पिछले साल मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद गृहमंत्री का पद छोड़ दिया था।
वहीं नवाब मलिक को पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने कुख्यात दाऊद इब्राहिम के साथ कथित सांठगांठ और मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपो में गिरफ्तार किया था।
केंद्रीय एजेंसी के निसाने पर आने वाले अनिल देशमुख और नवाब मलिक दोनों ही शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं।
महाराष्ट्र में इस समय एनसीपी, कांग्रे और शिवसेना की महाविकास अघाड़ी सरकार शासन कर रही है। संजय राउत ने फिर आरोप लगाया कि भाजपा शिवसेना के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार की छवि को खराब करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।