Sambhal Violence: संभल की हिंसा पर यूपी में गरमाई सियासत, अखिलेश और राहुल सुप्रीम कोर्ट से की संज्ञान लेने की मांग

By राजेंद्र कुमार | Updated: November 25, 2024 18:43 IST2024-11-25T18:43:27+5:302024-11-25T18:43:27+5:30

प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में प्रशासन को आड़े हाथों और प्रदेश की जनता से भी शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं भाजपा नेताओं ने संभल के प्रकरण को लेकर विपक्ष दलों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

Sambhal Violence Politics heated up in UP over Sambhal violence, Akhilesh and Rahul demanded the Supreme Court to take cognizance | Sambhal Violence: संभल की हिंसा पर यूपी में गरमाई सियासत, अखिलेश और राहुल सुप्रीम कोर्ट से की संज्ञान लेने की मांग

Sambhal Violence: संभल की हिंसा पर यूपी में गरमाई सियासत, अखिलेश और राहुल सुप्रीम कोर्ट से की संज्ञान लेने की मांग

Highlightsसंभल हिंसा के विरोध में मौन धरने पर बैठे कांग्रेस नेताप्रियंका गांधी बोली, संभल हिंसा पर सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्णसंभल में हुई हिंसा की मजिस्ट्रेटी जांच कराने का हुआ आदेश

लखनऊ: संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा और आगजनी को लेकर यूपी में राजनीति गरमा गई है। विपक्षी नेताओं संभल में हुई हिंसा को लेकर प्रदेश सरकार को दोषी ठहराया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले का संज्ञान लेने मांग की है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने मौन धरना दिया और राज्य सरकार पर पक्षपात पूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया। प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में प्रशासन को आड़े हाथों और प्रदेश की जनता से भी शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं भाजपा नेताओं ने संभल के प्रकरण को लेकर विपक्ष दलों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

फिलहाल समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस नेता संभल की हिंसा को लेकर योगी सरकार और मुरादाबाद के प्रशासनिक अधिकारियों को घेर रहे है। सपा मुखिया अखिलेश यादव का आरोप है कि उपचुनावों में वोटों की लूट से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सूबे की सरकार ने संभल में तैनात अफसरों के यह बवाल कराया है।

अखिलेश का कहना है कि जब एक बार मस्जिद का सर्वेक्षण हो चुका था तो दोबारा इसकी क्या जरूरत थी? संभल में हुए बवाल को लेकर उन्होंने सरकार व पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है और सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने की मांग की है। अखिलेश यादव ने संभल में हुई हिंसा को लेकर सांसद जियाउर रहमान बर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर भी नाराजगी जताई है।

अखिलेश यादव का कहना है कि जब सांसद जियाउर रहमान घटना के समय संभल में ही नहीं थे तो उनके खिलाफ मामला दर्ज क्यों किया गया? अखिलेश का कहना है कि जो लोग मौके पर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाजी करने वाले लोगों को साथ लेकर गए थे, उनके विरुद्ध शांति व सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा दर्ज किया जाए। 

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने भी संभल में हुए बवाल पर यह कहा कि संभल में सर्वे के दौरान जो हुआ उसके लिए शासन-प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है। संभल में दोनों पक्षों को साथ में लेकर यह कार्य शांतिमय ढंग से किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया। उन्होंने संभल के लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

संभल की हिंसा की होगी मजिस्टेट्री जांच : ब्रजेश पाठक  

विपक्षी दलों के आरोपों का सूबे के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जवाब दिया है. उनका कहना है कि सपा और कांग्रेस का न्यायपालिका में विश्वास नहीं है। संभल में एएसआई की टीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद में सर्वेक्षण करने गई थी और जिन लोगों संभल में माहौल को खराब करने के प्रयास किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

संभल में हुए बवाल की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश हो चुका है। मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय सिंह ने हिंसा की जांच के मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया है और संभल में अब तक 25 लोग गिरफ्तार किए गए है। ढाई हजार से अधिक लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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