नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद से जब पूछा गया कि क्या विदेश मंत्रालय को हस्तक्षेप करना चाहिए और राहुल गांधी के मुद्दे पर ध्यान देने के लिए अपने जर्मन समकक्षों से बात करनी चाहिए तो इसपर उन्होंने कहा कि हमें उन्हें क्यों बताना चाहिए कि उन्हें क्या करना चाहिए?
उन्होंने आगे कहा कि यह उनका काम है। अगर उन्होंने हमसे मदद मांगी होती तो हम इसके बारे में सोचते। लेकिन वे ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि जो कुछ कहा गया है हम उससे सहमत हैं। हम किसी बाहरी चीज का विरोध कैसे कर सकते हैं, जिससे हम यहां सहमत हैं?
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के दौरान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनसे पूछताछ के दौरान गुजरात में एक कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फंसाने के लिए उन पर 'दबाव' डाल रही थी।
इसपर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि 8 साल और उन्हें अब याद आया? उन्हें नाम का खुलासा करना चाहिए। क्या यह वही अधिकारी है जो उन पर दबाव बना रहा था और अब उनके इशारे पर दूसरों के साथ ऐसा कर रहा है?
बता दें कि न्यूज 18 राइजिंग इंडिया कार्यक्रम में विपक्ष के इस आरोप पर एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने यह बात कही कि नरेंद्र मोदी सरकार उन्हें निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का 'दुरुपयोग' कर रही है। उन्होंने कहा कि सीबीआई कांग्रेस सरकार के दौरान कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में मोदी जी (जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे) को फंसाने के लिए मुझ पर दबाव बना रही थी।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भाजपा ने कभी हंगामा नहीं किया। सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिन्हें अदालत ने दोषी ठहराया है और जिन्होंने लोकसभा की सदस्यता खो दी है।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में जाने के बजाय राहुल हो-हल्ला करने की कोशिश कर रहे हैं और अपनी किस्मत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोष दे रहे हैं। शाह ने कहा कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दोष मढ़ने की कोशिश करने के बजाय अपने आपको दोषी ठहराए जाने के खिलाफ लड़ने के लिए ऊपरी अदालत में जाना चाहिए।