Salary of MP: सांसद को मिलती है इतनी सैलरी, आजादी के समय थी सिर्फ 400 रुपये की तनख्वाह, आज का वेतन जानकर चौंक जाएंगे
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: June 16, 2024 16:03 IST2024-06-16T16:01:20+5:302024-06-16T16:03:22+5:30
2006 में सांसदों को 16 हजार रुपये सैलरी मिलती थी और 2009 में इसे बढ़ाकर 50 हजार किया गया। पहली बार 2018 में सांसदों की सैलरी में जबरदस्त इजाफा हुआ। 2018 में इसे बढ़ाकर बेसिक सैलरी एक लाख की गई।

फाइल फोटो
नयी दिल्ली: अक्सर लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि उनके सांसद को कितनी सैलरी मिलती है। अगर आज की बात करें तो मेंबर ऑफ पार्लियामेंट यानि सांसद को 1,00,000 रुपये की बेसिक सैलरी मिलती है। इसके अलावा सांसद को कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं। एक सांसद को हर महीने 70 हजार रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 60,000 कार्यालय व्यय भत्ता, और अन्य भत्ते भी मिलते हैं। कुल मिलाकर एक सांसद की महीने की सैलरी 2 लाख 30 हजार के आस पास पहुंच जाती है।
लेकिन सांसदों की सैलरी में इतना इजाफा बीते कुछ साल पहले ही हुआ है। 1947 में आजादी से लेकर अगले 15 साल तक सांसदों सिर्फ 400 रुपये मिलते थे। 1964 में पहली बार सांसदों का सैलरी बढ़ाई गई। तब सिर्फ 100 रुपये का इजाफा हुआ और ये बढ़कर 500 हो गई। 2006 में सांसदों को 16 हजार रुपये सैलरी मिलती थी और 2009 में इसे बढ़ाकर 50 हजार किया गया। पहली बार 2018 में सांसदों की सैलरी में जबरदस्त इजाफा हुआ। 2018 में इसे बढ़ाकर बेसिक सैलरी एक लाख की गई।
सैलरी के अलावा दिल्ली में आवास, 3 फोन, सरकार की खर्च पर फ्लाइट, ट्रेन और सड़क के जरिए यात्रा करने की सुविधाएं मिलती हैं। सांसदों को संसद सत्र में भाग लेने के लिए दैनिक भत्ता के रूप में 2,000 रुपये भी मिलते हैं। लोकसभा-राज्यसभा के सांसद, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सिर्फ सैलरी पर ही टैक्स भरते हैं। बाकी जो अलग से भत्ते मिलते हैं उन पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
यह जानकार जानकर हैरानी हो सकती है कि अगर कोई व्यक्ति एक दिन के लिए भी सांसद बन जाए तो उसे आजीवन 25 हजार रुपए पेंशन के रूप में दिए जाते हैं। अगर कोई सांसद पांच साल से अधिक समय तक सांसद रहता है तो समय से साथ उसकी पेंशन बढ़ती जाती है। दोबारा चुने जाने पर हर साल 1500 रुपये हर महीने अलग से दिए जाते हैं। कोई विधायक चुनाव जीतकर सांसद बन जाए तो उसे सांसद का वेतन तो मिलता ही है, विधायक की पेंशन भी मिलती है. बाद में उसे पूर्व सांसद-पूर्व विधायक के रूप में दोनों की ही पेंशन मिलती है।
18वीं लोकसभा में भाजपा के 240, कांग्रेस के 99, सपा के 37, टीएमसी के 29, डीएमके के 22, टीडीपी के 16, जेडीयू के समेत कुल 542 सांसद संसद पहुंचे हैं।
सांसदों को मिलने वाले भत्ते
दैनिक भत्ता प्रतिदिन 2,000 रुपये (संसद सत्र के दौरान)
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 70,000 रुपए (हर महीने)
कार्यालय व्यय भत्ता 60,000 (हर महीने)
मुफ्त फर्स्ट क्लास एसी का ट्रेन पास (साथ में एक अटेंडेंट का भी किराया)
हवाई यात्रा का 25 फीसद ही देना पड़ता है
साथ में मुफ्त बिजली, पानी और फोन सुविधा.
पेंशन – 25 हजार रुपए प्रतिमाह