साकेत गोखले ने कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले नेताओं, पत्रकारों के डेटा में लगाया सेंधमारी का आरोप, केंद्र से पूछा, "आपको इसकी जानकारी क्यों नहीं है?"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 12, 2023 15:51 IST2023-06-12T14:27:31+5:302023-06-12T15:51:45+5:30
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता साकेत गोखले ने आरोप लगाया कि भारत में कोरोना से सुरक्षा के लिए लगाये गये टीकाकरण में लिये गये कई नेताओं और पत्रकारों का व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई है।

साकेत गोखले ने कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले नेताओं, पत्रकारों के डेटा में लगाया सेंधमारी का आरोप, केंद्र से पूछा, "आपको इसकी जानकारी क्यों नहीं है?"
दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता साकेत गोखले ने एक बेहद सनसनीखेज दावा करते हुए आरोप लगाया कि भारत में कोरोना से सुरक्षा के लिए लगाये गये टीकाकरण में लिये गये कई नेताओं और पत्रकारों की व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई है।
टीएमसी नेता गोखले ने सोमवार को इस बात का खुलासा करते हुए इस बात पर चिंता और हैरानी जताते केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से सवाल किया कि क्या कोविड वैक्सीन लेने वाले राजनेताओं और पत्रकारों सहित कई नागरिकों का डेटा लीक होने की जानकारी सरकार को क्यों नहीं है।
साकेत गोखले ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स किये। तृणमूल नेता गोखले ने कहा, "यह बेहद चौंकाने वाला है, मोदी सरकार का एक बड़ा डेटा उल्लंघन हुआ है, जहां सभी टीकाकृत भारतीयों के मोबाइल नंबर, आधार नंबर, पासपोर्ट नंबर, मतदाता सहित व्यक्तिगत विवरण आईडी, परिवार के सदस्यों का विवरण आदि लीक हो गया है और सारी जानकारी स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है।"
SHOCKING:
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) June 12, 2023
There has been a MAJOR data breach of Modi Govt where personal details of ALL vaccinated Indians including their mobile nos., Aadhaar numbers, Passport numbers, Voter ID, Details of family members etc. have been leaked & are freely available.
Some examples 👇
(1/7)
उन्होंने राज्यसभा सांसद और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ'ब्रायन, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश और के सी वेणुगोपाल, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह सहित राज्यसभा के कई सांसदों और विपक्षी सांसदों के डेटा उल्लंघन का उदाहरण दिया। इसमें सुष्मिता देव, अभिषेक मनु सिंघवी और संजय राउत सहित कई अन्य सांसद हैं।
इसके अलावा गोखने ने उन पत्रकारों के नाम का भी उल्लेख किया, जिनकी व्यक्तिगत जानकारी के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसमें उन्होंने विसेषतौर पर इंडिया टुडे समूह से जुड़े पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मोजो स्टोरी की बरखा दत्त, द न्यूज मिनट की धन्या राजेंद्रन और टाइम्स नाउ के राहुल शिवशंकर सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों का नाम सार्वजिनिक तौर पर लिया है, जिनके डेटा में सेंध लगाई गई है।
उन्होंने कहा, "कोविड-19 से बचाव के लिए टीका लगवाने वाले नेताओं, पत्रकारों समेत प्रत्येक भारतीय का व्यक्तिगत विवरण इस लीक हुए डेटाबेस पर स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है।" इसके साथ गोखले ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "अब सवाल यह है कि जब मोदी सरकार दावा करती है कि वह 'मजबूत डेटा सुरक्षा' का पालन करती है तो भला किस तरह से लोगों के पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर आदि सहित व्यक्तिगत विवरण कैसे लीक हो गए? गृह मंत्रालय सहित मोदी सरकार क्यों नहीं इसका जवाब दे रहे हैं?"
इसके साथ ही उन्होंने यह सवाल भी खड़ा किया है कि अगर सरकार डेटा लीक के बारे में जानती है तो उसने इस बात की सूचना क्यों नहीं सार्वजनिक की कि कोरोना वैक्सिन के लिए दर्ज किये गये भारतीयों के डेटा के साथ छेड़छाड़ हुई है। यह बेहद गंभीर विषय है और मोदी सरकार के इस विषय में सारी जानकारी को पब्लिक में करनी चाहिए कि आकिर मोदी सरकार ने भारतीयों के आधार और पासपोर्ट नंबर सहित अन्य कई व्यक्तिगत डेटा किसे सुरक्षा को दी, जिसने इसे लीक किया?"
तृणमूल नेता ने कहा कि यह गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है और पब्लिक डेटा के प्रभारी मंत्री अश्विनी वैष्णव, जो रेलवे के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार और आईटी विभागों के मंत्री हैं। उनकी सीधे तौर पर जिम्मेदारी बनती है। आखिर प्रधानमंत्री मोदी अश्विनी वैष्णव की अक्षमता को कब तक नजरअंदाज करेंगे?"