रामचरितमानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को संत रामभद्राचार्य ने दे दी चुनौती
By एस पी सिन्हा | Updated: March 20, 2023 15:04 IST2023-03-20T15:02:39+5:302023-03-20T15:04:42+5:30

रामचरितमानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को संत रामभद्राचार्य ने दे दी चुनौती
पटना: बिहार की राजनीति में रामचरितमानस को लेकर जारी गहमाहगमी के बीच हिंदू समाज के बड़े संत रामभद्राचार्य ने बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर को चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने अपनी मां का दूध पिया है तो हमसे आकर फरिया ले। दरअसल, जिस तरह से शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर सदन के अंदर धर्मग्रंथ लेकर पहुंच रहे हैं और अपने विभागीय बजट से अलग इन बातों पर चर्चा कर रहे हैं। इसके बाद सियासत गर्म है।
इसी कड़ी में अब भाजपा के एक विधायक के तरफ से कहा गया है कि बिहार के शिक्षा मंत्री के पास अभी भी काफी जानकारी का आभाव है, इसलिए वो अपनी गलती मनाने को तैयार नहीं है। उनको तो भारत के महान संत रामभद्राचार्य ने खुले तौर पर ललकारा था और कहा था कि मां का ओरिजनल दूध पिया है तो हमसे आकर फरिया लें। क्या हुआ जो वो नहीं गए? शिक्षा मंत्री अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए डाल- डाल, पात-पात धर रहे हैं। लेकिन बिहार की जनता सब जानती है वो कभी सफल नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि रामचरितमानस इतना पवित्र है उसे बिहार के शिक्षा मंत्री अपमानित करते हैं। यह शिक्षा मंत्री रामचरित मानस का क, ख, ग भी नहीं जानते हैं। इनके मन में जो गंदगी फैली हुई है, इसे निकालनी चाहिए। बिना ज्ञान के किसी भी महाग्रंथ पर बोलना अशोभनीय है। विदेशों में आज जो भारतीय संस्कृति है वह श्रीरामचरित मानस की देन है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले कल भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि हिन्दू धर्म और भारत को छोड़ कर कहीं भी जाति-पाति नहीं है। जो देश भारत से टूटकर अलग हुए हैं, जैसे फिजी और मॉरीशस, वहां हमारे देश के ही हिंदू लोग गए हैं। वहीं पर जाति की संस्कृति देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि मैंने सचिवालय में जाति के कारण संचिकाओं को रुकते हुए देखा है। शिक्षा मंत्री का दावा था कि आज भी जाति व्यवस्था से काफी लोग पीड़ित हैं। मंत्री का कहना था कि जाति ही हिन्दू धर्म की संस्कृति है।