सबरीमला मामला: धार्मिक स्थलों पर महिलाओं से भेदभाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, सुनवाई के लिए तय किया 10 दिन का समय

By भाषा | Updated: January 28, 2020 13:14 IST2020-01-28T13:14:46+5:302020-01-28T13:14:46+5:30

पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘‘इसमें 10 दिन से अधिक वक्त नहीं लगेगा। अगर कोई और वक्त चाहेगा तो भी समय नहीं दिया जा सकता।’’

Sabarimala case: Supreme court strict in discriminating against women at religious places, fixed 10 days time for hearing | सबरीमला मामला: धार्मिक स्थलों पर महिलाओं से भेदभाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, सुनवाई के लिए तय किया 10 दिन का समय

सबरीमला मामला: धार्मिक स्थलों पर महिलाओं से भेदभाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, सुनवाई के लिए तय किया 10 दिन का समय

Highlightsउन्होंने कहा कि न्यायालय के पूर्व में दिए गए आदेश की अनुपालना में वकीलों की एक बैठक हुई लेकिन नौ न्यायाधीशों की पीठ के विचारविमर्श के लिए कानूनी सवालों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष इस मामले का जिक्र किया।

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि केरल के सबरीमला मंदिर समेत तमाम अन्य धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के प्रति भेदभाव से संबंधित मामले की सुनवाई नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ 10 दिन में पूरा कर लेगी। प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि जिन सवालों को देखा जाएगा वे पूरी तरह से कानूनी प्रकृति के होंगे और सुनवाई पूरी करने में अधिक समय नहीं लगेगा।

पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘‘इसमें 10 दिन से अधिक वक्त नहीं लगेगा। अगर कोई और वक्त चाहेगा तो भी समय नहीं दिया जा सकता।’’ पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष इस मामले का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि न्यायालय के पूर्व में दिए गए आदेश की अनुपालना में वकीलों की एक बैठक हुई लेकिन नौ न्यायाधीशों की पीठ के विचारविमर्श के लिए कानूनी सवालों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।

विधि अधिकारी ने कहा ‘‘हम पीठ के विचारविमर्श के लिए सवालों को अंतिम रूप नहीं दे सके। उच्चतम न्यायालय सवाल तय करने पर विचार कर सकता है।’’ तब पीठ ने मेहता से बैठक में वकीलों द्वारा विचारविमर्श किए गए मुद्दों का ब्यौरा देने को कहा। न्यायालय मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश, दाउदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में महिलाओं का खतरा, पारसी महिलाओं के गैर पारसी पुरूषों से विवाह करने पर रोक संबंधी मुद्दों पर विचार करेगा। 

English summary :
Sabarimala case: Supreme court strict in discriminating against women at religious places, fixed 10 days time for hearing


Web Title: Sabarimala case: Supreme court strict in discriminating against women at religious places, fixed 10 days time for hearing

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे