सबरीमाला मंदिर के खुलने से पहले ही केरल में हलचल, विरोध में महिला ने पेड़ से लटकर की जान देने की कोशिश
By पल्लवी कुमारी | Published: October 16, 2018 03:26 PM2018-10-16T15:26:46+5:302018-10-16T15:26:46+5:30
Sabarimala Mandir Kerala Updates:सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने के आदेश दिए थे। सबरीमाला मंदिर में 17 अक्टूबर से फिर से खुलने वाला है।
केरल के सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जब से महिलाओं के प्रवेश पर रोक हटाई है, तब से इस फैसले का लगातार विरोध हो रहा है। इस मामले पर तिरुवनंतपुरम में रहने वाली एक महिलाओं ने फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की है। महिलाओं की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को स्वीकार ना किया जाए।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तिरुवनंतपुरम की रहने वाली एक महिला ने पेड़ से लटकर जान देने की कोशिश की। पुलिस को जैसे ही इस घटना की सूचना मिली, उसे बचा लिया गया है। लेकिन वह बार-बार इस बात की जिद्द में लगी है कि महिलाओं का अगर सबरीमाला में प्रवेश हुआ तो वह अपनी जान दे देगी।
Kerala: A woman attempted to hang herself from a tree in Thiruvananthapuram in protest against the Supreme Court's verdict over the entry of women of all age group in #SabarimalaTemple. She was saved by locals and the police. pic.twitter.com/HAth1nj0eB
— ANI (@ANI) October 16, 2018
कुछ दिन पहले इस मामले पर शिवसेना नेता पैरिंगम्मला ने विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करेंगी तो पार्टी की महिला कार्यकर्ताएं आत्महत्या कर लेंगी। शिवसेना नेता पैरिंगम्मला ने बताया, पार्टी की महिला कार्यकर्ता17 और 18 अक्टूबर को पांबा नदी के किनारे समूह आत्महत्या करने जा रही हैं। जैसे ही कोई भी महिला मंदिर में प्रवेश करेंगी, हमारी कार्यकर्ता महिलाएं सुसाइड कर लेंगी।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा सुप्रीक कोर्ट के फैसले का होगा पालन
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के मुताबिक, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानेंगे। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा, 'हम किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं देंगे। सरकार सबरीमाला मंदिर जाने वाले भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रखेगी।'
मुख्यमंत्री ने यह भी साफ कर दिया है, 'राज्य सरकार मामले में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगी। हमने कोर्ट में कह चुके हैं कि आदेश को लागू किया जाएगा।' बता दें कि 17 अक्टूबर बुधवार को मंदिर के दरवाजे खुलने हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने के आदेश दिए थे। इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश ना करने के नियम को पिछले 800 सौ सालों से माना जा रहा था। सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक था।
ये था सबरीमाला मंदिर में प्रवेश का पुराना नियम
सबरीमाला मंदिर की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। जिन महिलाओं की उम्र 50 से अधिक है वह दर्शन के लिए आते वक्त अपने साथ आयु प्रमाण पत्र लेकर आए।