जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर पर राजनीति गरमाई, रविशंकर के बयान से भड़की कांग्रेस, कहा- उन्होंने सबसे ज्यादा उड़ाईं कानून की धज्जियां
By रामदीप मिश्रा | Published: February 27, 2020 12:57 PM2020-02-27T12:57:25+5:302020-02-27T12:58:48+5:30
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस. मुरलीधर का तबादला सु्प्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की सिफारिश और 'सुस्थापित प्रक्रिया' के तहत किया गया। ट्रांसफर रुटीन का कांग्रेस ने राजनीतिकरण किया है।
दिल्ली हिंसा मामले में सुनवाई करने वाले हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। सत्तापक्ष और विपक्ष की ओर से तीखे वार किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मामले में कांग्रेस के ऊपर राजनीति करने के आरोप लगाए, जिसके बाद पार्टी ने पलटवार किया है।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि रविशंकर प्रसाद इस देश के सबसे कानूनविहीन कानून मंत्री हैं और वो ऐसा दुर्भावना से करते हैं क्योंकि उनके आका उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करते हैं। रविशंकर प्रसाद इस देश के इतिहास में ऐसे कानून मंत्री बन जाएंगे जिन्होंने सबसे ज्यादा कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाईं हैं।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस. मुरलीधर का तबादला सु्प्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की सिफारिश और 'सुस्थापित प्रक्रिया' के तहत किया गया। ट्रांसफर रुटीन का कांग्रेस ने राजनीतिकरण किया है और उसने फिर से तुच्छ हरकत की है। भारत के लोगों ने कांग्रेस पार्टी को अस्वीकार कर दिया है और कांग्रेस संस्थाओं को खत्म करने का प्रयास कर रही है। हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता करने में कांग्रेस का रिकॉर्ड है।
रविशंकर प्रसाद इस देश के सबसे lawless law minister हैं : @rssurjewalapic.twitter.com/euIX1ZKwsK
— Congress (@INCIndia) February 27, 2020
कांग्रेस ने तबादले को लेकर कहा कि कई बीजेपी नेताओं को बचाने और हिंसा की साजिश का पर्दाफाश नहीं होने देने के मकसद से सरकार ने तबादला कराया है। रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि यह कपिल मिश्रा और कुछ अन्य बीजेपी नेताओं को बचाने का षड्यंत्र है, लेकिन 'मोदी-शाह सरकार' सफल नहीं होगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, '26 फरवरी को न्यायमूर्ति मुरलीधर एवं न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की दो न्यायाधीशों की पीठ ने दंगा भड़काने में कुछ बीजेपी नेताओं की भूमिका को पहचानकर उनके खिलाफ सख्त आदेश पारित किए एवं पुलिस को कानून के अंतर्गत तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया। इसके कुछ घंटे बाद ही एक न्यायधीश का तबादला कर दिया गया।' दरअसल, मुरलीधर का पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में तबादला किया गया है। उन्होंने दिल्ली हिंसा के मामले पर सुनवाई की थी।