संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर का राग तो भारत ने कहा- उपदेश देने की तुम्हारी साख नहीं है, जिसने लादेन की मेजबानी की और..
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 15, 2022 10:30 IST2022-12-15T10:11:32+5:302022-12-15T10:30:14+5:30
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता हमारे समय की प्रमुख चुनौतियों, चाहे वह महामारी हो, जलवायु परिवर्तन, संघर्ष या आतंकवाद हो, की प्रभावी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर का राग तो भारत ने कहा- उपदेश देने की तुम्हारी साख नहीं है, जिसने लादेन की मेजबानी की और..
संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने बुधवार को पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि एक देश जिसने अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, उसके पास संयुक्त राष्ट्र में "उपदेश" देने की साख नहीं है। जयशकंर ने यह जवाब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की कश्मीर को लेकर की गई टिप्पणी के बाद दिया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता हमारे समय की प्रमुख चुनौतियों, चाहे वह महामारी हो, जलवायु परिवर्तन, संघर्ष या आतंकवाद हो, की प्रभावी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तथा सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नयी दिशा’ विषय पर खुली बहस की अध्यक्षता करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘ हम स्पष्ट रूप से आज बहुपक्षवाद में सुधार की तात्कालिकता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। स्वाभाविक रूप से हमारे अपने विशेष विचार होंगे, लेकिन कम से कम एक समानता बढ़ रही है कि इसमें और देरी नहीं की जा सकती।’’
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को दिखाया आईना
उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया जिसे अस्वीकार्य मानती है, उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए। यह निश्चित रूप से सीमा पार आतंकवाद के राज्य प्रायोजन पर लागू होता है। न ही ओसामा बिन लादेन की मेजबानी करना और पड़ोसी देश की संसद पर हमला करना इस परिषद के सामने उपदेश देने के लिए प्रमाणिकता के रूप में काम कर सकता है।’’
गौरतलब है कि 13 दिसंबर 2001 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था। इस हमले में आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए दिल्ली पुलिस के पांच जवान, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला कर्मी और संसद के दो कर्मी शहीद हुए थे। एक कर्मचारी और एक कैमरामैन की भी हमले में मौत हो गई थी।