एससीओ सम्मेलन में एस जयशंकर और बिलावल भुट्टो जरदारी के मिलने की संभावना नहीं: रिपोर्ट
By मनाली रस्तोगी | Updated: April 26, 2023 15:55 IST2023-04-26T14:29:55+5:302023-04-26T15:55:50+5:30
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में 4-5 मई, 2023 को होने वाली एससीओ विदेश मंत्री परिषद (सीएफएम) की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

एससीओ सम्मेलन में एस जयशंकर और बिलावल भुट्टो जरदारी के मिलने की संभावना नहीं: रिपोर्ट
नई दिल्ली: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अगले महीने भारत में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेंगे। वो गोवा में 4-5 मई, 2023 को होने वाली एससीओ विदेश मंत्री परिषद (सीएफएम) की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं।
इसी क्रम में ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच एक औपचारिक बैठक होने की संभावना नहीं है। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। इससे पहले जयशंकर ने पनामा सिटी में पनामा की विदेश मंत्री जनैना तेवने मेंकोमो के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए परोक्ष रूप से पाकिस्तान की आलोचना की थी।
उन्होंने कहा था, "हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है जो हमारे खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है। हमने हमेशा कहा है कि उन्हें सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने, प्रायोजित करने और उसे अंजाम नहीं देने की प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा। हमें उम्मीद है कि एक दिन हम उस मुकाम पर जरूर पहुंचेंगे।" फिलहाल, यह हाल के वर्षों में किसी भी पाकिस्तानी नेता का भारत का पहला उच्चस्तरीय दौरा होगा।
पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने 2011 में भारत का दौरा किया था। मई 2014 में, पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत आए थे। दिसंबर 2015 में, तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान का दौरा किया था और कुछ दिन बाद मोदी थोड़ी देर के लिए पाकिस्तान में रुके थे।
एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में हुए रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों के शिखर सम्मेलन में की गई थी। बाद के वर्षों में यह सबसे बड़े क्षेत्रीय संगठनों में से एक बनकर उभरा। भारत और पाकिस्तान 2017 में चीन में स्थित एससीओ के स्थायी सदस्य बने थे।
(भाषा इनपुट के साथ)