भारत में फाइटर जेट इंजन बनाने के लिए रूसी कंपनी ने जताई इच्छा, अब रेस में शामिल हो गए चार दावेदार

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 3, 2023 12:21 PM2023-10-03T12:21:18+5:302023-10-03T12:22:48+5:30

भारत में बनाए जाने वाले तेजस मार्क 2ए फाइटर जेट में लगाए जाने वाले GE-414 इंजन्स के लिए डील हो चुकी है। इंजन के सह-विकास के लिए रूसी कंपनी रशियन यूनाइटेड इंजन कॉरपोरेशन ने भी इच्छा जताई है।

Russian company expressed desire to make fighter jet engines in India now four contenders race | भारत में फाइटर जेट इंजन बनाने के लिए रूसी कंपनी ने जताई इच्छा, अब रेस में शामिल हो गए चार दावेदार

तेजस मार्क 2ए फाइटर जेट में लगाए जाएंगे इंजन

Highlightsदेश में ही अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान विकसित किए जाने हैंभारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती लड़ाकू विमान का इंजन बनाना हैGE-414 इंजन्स के लिए डील हो चुकी है

नई दिल्ली: भारत अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में ही आधुनिक हथियार विकसित करने पर जोर दे रहा है। इस क्रम में देश में ही अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान विकसित किए जाने हैं। लेकिन भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती लड़ाकू विमान का इंजन बनाना है। भारत अभी तकनीकी रूप से जेट इंजन बनाने में दक्ष नहीं है। भारत के लिए लड़ाकू विमान का इंजन विदेशी कंपनियां बनाती हैं। 

भारत में बनाए जाने वाले तेजस मार्क 2ए फाइटर जेट में लगाए जाने वाले GE-414 इंजन्स के लिए डील हो चुकी है। ये इंजन्स भारत में ही बनाए जाएंगे। भारत में इंजन के निर्माण के समझौते पर तब हस्ताक्षर किए गए जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल की शुरुआत में अमेरिका दौरे पर गए थे। इस बीच इस बात पर भी निगाहें लगी हैं कि अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान इंजन का सह-विकास कौन करेगा। ऐसे तो इसके लिए कई दावेदार हैं लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि रूस ने भी इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई है। 

टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते रशियन यूनाइटेड इंजन कॉरपोरेशन के प्रतिनिधियों ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों से मुलाकात की थी     और साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई थी। रशियन कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि वे अपना प्रस्ताव भेजेंगे और तकनीकी चर्चा के लिए तारीखें सुझाएंगे। बता दें कि रूस भारत का एक करीबी रक्षा साझेदार है और मौजूदा भारतीय वायुसेना के बेड़े की रीढ़ सुखोई-30 लड़ाकू विमान रूसी तकनीक से ही बने हैं।

भारत के लिए अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान इंजन बनाने के लिए सह निर्माता के रूप में रूसी कंपनी के अलावा तीन और दावेदार हैं। तीन अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय विमान इंजन निर्माता भारत के साथ मिलकर अगली पीढ़ी के इंजन को डिजाइन और विकसित करना चाहते हैं। वे हैं GE, जो अमेरिकी है, सफ्रान, जो फ्रेंच है, और ब्रिटिश रोल्स-रॉयस। तीनों ने अपने प्रस्ताव जमा कर दिये हैं। 

रूसी कंपनी द्वारा अगली पीढ़ी के इंजन को डिजाइन और विकसित करने की इच्छा जताना ही सबसे बड़ी सुर्खी है। दरअसल ये डील अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के साथ है। ऐसे में अमेरिका कभी रूसी कंपनी को सहयोगी बनाने के लिए तैयार नहीं होगा। ये तथ्य रूसी कंपनी भी अच्छी तरह जानती है। इसे देखते हुए अब नजरें भारत पर हैं कि उसका निर्णय क्या होता है।

Web Title: Russian company expressed desire to make fighter jet engines in India now four contenders race

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