जेएनयू में फीस पर बवाल, छह घंटे तक ऑडिटोरियम में फंसे रहे एचआरडी मंत्री निशंक, कई कार्यक्रम रद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 11, 2019 17:38 IST2019-11-11T16:50:33+5:302019-11-11T17:38:08+5:30

इस बीच, अधिकारी ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सुबह से ही एआईसीटीई ऑडिटोरियम में हैं, वहीं जेएनयू छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया और मंत्रालय में दो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द करने पड़े।

Ruckus over fees in JNU, HRD minister Nishank is in the auditorium since morning, many programs canceled | जेएनयू में फीस पर बवाल, छह घंटे तक ऑडिटोरियम में फंसे रहे एचआरडी मंत्री निशंक, कई कार्यक्रम रद

प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को जवानों ने टांगकर बस में बैठाया है। 

Highlightsफीस में इजाफे को लेकर जेएनयू परिसर में हजारों छात्र पुलिस से भिड़े गए। छात्रों के प्रदर्शन को रोकने के लिए भारी संख्या में सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात हैं।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के निकट प्रशासन की ‘‘छात्र-विरोधी’’ नीति के खिलाफ सोमवार को सैकड़ों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। फीस में इजाफे को लेकर जेएनयू परिसर में हजारों छात्र पुलिस से भिड़े गए।

इस बीच, अधिकारी ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सुबह से ही एआईसीटीई ऑडिटोरियम में हैं, वहीं जेएनयू छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया और मंत्रालय में दो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द करने पड़े।

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ सोमवार को जेएनयू छात्रों का विरोध प्रदर्शन तीव्र होने पर यहां अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) में छह घंटे से भी अधिक समय तक फंसे रहे और उन्हें दिन में अपने दो कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा।

‘निशंक’ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के तीसरे दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए एआईसीटीई गये थे। नायडू हालांकि विरोध प्रदर्शन तेज होने से पहले ही परिसर से चले गये थे और निशंक को परिसर के भीतर ही रहना पड़ा। एचआरडी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था, ‘‘वह अंदर है। लेकिन स्थिति को संभाल लिया गया है। मंत्री ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष से बात की है और उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर गौर किया जायेगा।’’

मंत्री शाम लगभग चार बजकर 15 मिनट पर एआईसीटीई परिसर से निकले और दीक्षांत समारोह के बाद शास्त्री भवन में प्रस्तावित उनके कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा। छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ विरोध जताने के लिए सैकड़ों की संख्या में छात्र एआईसीटीई मुख्यालय के बाहर एकत्र हुए थे।

छात्र एआईसीटीई की ओर मार्च करना चाहते थे जहां एक ऑडिटोरियम में नायडू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। जेएनयू से लगभग तीन किलोमीटर दूर एआईसीटीई के द्वारों को बंद कर दिया गया और सुबह शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर परिसरों के बाहर सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया।

एक अधिकारी ने बताया कि जेएनयू परिसर के उत्तरी और पश्चिमी द्वारों के बाहर और बाबा बालकनाथ मार्ग पर एआईसीटीई ऑडिटोरियम और जेएनयू के बीच स्थित सड़क पर बैरिकेड लगाये गये है। पुलिस ने बताया कि छात्रों ने इन बैरिकेड को तोड़ दिया और पूर्वान्ह्र लगभग साढ़े 11 बजे एआईसीटीई की तरफ बढ़ने लगे। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया। 

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इस स्थान पर दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ भी सुबह से ही एआईसीटीई ऑडिटोरियम में हैं। छात्रों के प्रदर्शन के मद्देनजर मंत्रालय में दो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद करने पड़े हैं। जेएनयू से लगभग तीन किलोमीटर दूर एआईसीटीई के द्वारों को बंद कर दिया गया और सुबह शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर परिसरों के बाहर सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जेएनयू परिसर के उत्तरी और पश्चिमी द्वारों के बाहर और बाबा बालकनाथ मार्ग पर एआईसीटीई ऑडिटोरियम और जेएनयू के बीच स्थित सड़क पर बैरिकेड लगाये गये हैं। हाथों में तख्तियां लेकर छात्रों ने ‘‘दिल्ली पुलिस वापस जाओ’’ जैसे नारे लगाये। छात्रों ने कुलपति एम जगदीश कुमार के खिलाफ भी नारेबाजी की।

छात्रों की मांग थी कि मसौदा छात्रावास मैनुअल को वापस लिया जाये जिसमें उनके अनुसार फीस वृद्धि, कर्फ्यू का वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों का प्रावधान है। छात्रों ने बताया कि सुबह शुरु हुआ यह प्रदर्शन छात्रावास के मैनुअल के विरोध के अलावा पार्थसारथी रॉक्स में प्रवेश पर प्रशासन की पाबंदी तथा छात्र संघ के कार्यालय को बंद करने के प्रयास के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का ही हिस्सा है।

छात्रों के प्रदर्शन को रोकने के लिए भारी संख्या में सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात हैं। प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को जवानों ने टांगकर बस में बैठाया है। बाद में प्रदर्शन को बढ़ता देख छात्रों का खदेड़ने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। जेएनयू के छात्रों का कहना है कि जब उनकी फीस में कटौती की मांग को स्वीकार नहीं किया जा रहा तो उन्हें दीक्षांत समारोह मंजूर नहीं है। हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का मामला यूनिवर्सिटी में काफी आगे बढ़ चुका है और इसका कोई हल नहीं निकला जा रहा है।

 

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