RTI: पीएम मोदी के 'मन की बात' की जानकारी देने के लिए PMO के पास नहीं है कोई अफसर
By भाषा | Published: June 10, 2018 05:51 PM2018-06-10T17:51:05+5:302018-06-10T18:02:09+5:30
आकाशवाणी पर अभी तक इन भाषणों के 44 एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं और अंतिम एपिसोड का प्रसारण 27 मई को हुआ था।
नई दिल्ली, 10 जून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम से जुड़ी सूचनाओं को संचालित करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में कोई अलग से अधिकारी नामित नहीं किया गया है। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने सीआईसी को दी है। इसने कहा कि 'मन की बात' के लिए विभिन्न स्रोतों से काफी संख्या में सुझाव और शिकायतें मिलती हैं जो विषय-वस्तु की प्रकृति के आधार पर मंत्रालयों और संगठनों को भेज दी जाती हैं।
मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर के समक्ष एक मामले की सुनवाई के दौरान यह सूचना दी गई जिसमें आवेदक असीम टकयार ने पीएमओ से जानना चाहा कि 'मन की बात' कार्यक्रम शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री को कितने वीडियो , ऑडियो और लिखित संदेश प्राप्त हुए। सरकारी वेबसाइट माईगॉव डॉट इन के मुताबिक लोगों से कहा जाता है कि वे अपने सुझाव भेजें जिसे प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी पर होता है जिसमें प्रधानमंत्री लोगों की नियमित जिंदगी से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
आकाशवाणी की वेबसाइट के मुताबिक आकाशवाणी पर अभी तक इन भाषणों के 44 एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं और अंतिम एपिसोड का प्रसारण 27 मई को हुआ था। पीएमओ के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर टकयार ने आयोग का दरवाजा खटखटाकर सूचना का खुलासा किए जाने की मांग की। पीएमओ के अधिकारी ने माथुर को बताया कि मांगी गई सूचनाओं को एकत्रित नहीं किया जाता है बल्कि विभिन्न दस्तावेजों में यह बिखरा हुआ है।
माथुर ने पीएमओ के अधिकारी के जवाब का जिक्र करते हुए अपने आदेश में कहा , 'पीएमओ में 'मन की बात' कार्यक्रम के तहत प्राप्त जानकारियों को देखने के लिए अलग से कोई अधिकारी नहीं है।' पीएमओ की तरफ से दी गई जानकारी से सहमत होते हुए सीआईसी ने कहा कि आरटीआई आवेदन पर प्रतिवादी की तरफ से दिया गया जवाब संतोषजनक है और इसने मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।