RTI से खुलासा: राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिये चुनावी बेला में खरीदे गए थे 76% बॉन्ड

By भाषा | Published: June 16, 2019 03:27 PM2019-06-16T15:27:33+5:302019-06-16T15:27:33+5:30

RTI: 76% Bonds for donating to political parties were bought in its last 3 phases during election fever | RTI से खुलासा: राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिये चुनावी बेला में खरीदे गए थे 76% बॉन्ड

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

सूचना के अधिकार (आरटीआई) से खुलासा हुआ है कि सियासी दलों को चंदा देने के लिये एक मार्च 2018 से शुरू की गयी योजना के 10 चरणों के दौरान कुल 5,851.41 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गये। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से करीब 76 प्रतिशत बॉन्ड, इनकी बिक्री के आखिरी तीन चरणों में खरीदे गये, जब लोकसभा चुनावों की सरगर्मियां चरम पर थीं।

मध्यप्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से दो आरटीआई अर्जियों के जरिये मिले आंकड़ों के हवाले से "पीटीआई-भाषा" के साथ रविवार को यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि उनकी एक आरटीआई अर्जी से पता चला कि गुमनाम चंदादाताओं ने सार्वजनिक क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक की विभिन्न अधिकृत शाखाओं के जरिये एक मार्च 2018 से 24 जनवरी 2019 के बीच शुरूआती सात चरणों में कुल 1,407.09 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे।

गौड़ ने जब आठवें, नौवें और दसवें चरणों में चुनावी बॉन्ड की बिक्री को लेकर एसबीआई के सामने एक और आरटीआई अर्जी दायर की, तो इसके जवाब में सूचना दी गयी कि आखिरी के इन तीनों चरणों में कुल 4,444.32 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गये। गौरतलब है कि सरकार ने देश भर में एसबीआई की विभिन्न अधिकृत शाखाओं के जरिये अलग-अलग अवधि के कुल 10 चरणों में एक मार्च 2018 से 10 मई 2019 तक चुनावी बॉन्ड बेचने का कार्यक्रम तय किया था। ये बॉन्ड एक हजार रुपये, दस हजार रुपये, एक लाख रुपये, दस लाख रुपये और एक करोड़ रुपये के मूल्य वर्गों में बिक्री के लिये जारी किये गये थे।

निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों की 10 मार्च को घोषणा किये जाते ही देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी थी। इन चुनावों का सात चरणों का मतदान 11 अप्रैल से शुरू होकर 19 मई को खत्म हुआ, जबकि वोटों की गिनती 23 मई को की गयी थी। केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड बिक्री के दसवें चरण के लिये हालांकि पूर्व में छह मई से 15 मई 2019 की अवधि की घोषणा की थी। लेकिन बाद में इस मियाद में पांच दिन की कटौती कर इसे छह मई से 10 मई 2019 कर दिया गया था।

केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 में अधिसूचित चुनावी बॉन्ड योजना को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के अपने घोषणा पत्र में कहा था कि वह सत्ता में आने पर निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये चुनावी बॉन्ड योजना खत्म करेगी और इसके स्थान पर एक राष्ट्रीय चुनाव कोष स्थापित करेगी।

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