RSS राहुल गांधी और सीताराम येचुरी को अपने कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये भेजेगा न्योता, जानिए क्यों ?
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 27, 2018 03:05 PM2018-08-27T15:05:42+5:302018-08-27T15:32:31+5:30
RSS May Invite Rahul Gandhi & Sitaram Updates:राहुल गांधी लंबे समय से आरएसएस पर हमला करते आए हैं। इसी बीच खबरों की मानें तो आरएसएस ने संघ को समझने के लिए राहुल गांधी को आमंत्रित करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली, 27 अगस्त: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में अपने यूरोपीय दौरे के दौरान आरएसएस पर तीखा हमला किया था। राहुल ने कहा था कि उसकी तुलना अरब जगत के संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की थी। राहुल लंबे समय से आरएसएस पर हमला करते आए हैं। इसी बीच खबरों की मानें तो आरएसएस ने संघ को समझने के लिए राहुल गांधी को आमंत्रित करने का फैसला किया है।
खबरों की मानें को संघ का 17-19 सितंबर के बीच कार्यक्रम चलेगा। कहा जा रहा है कि इसी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए किसी भी दिन राहुल गांधी को आमंत्रित किया जा सकता है। ऐसे में कहा जा रहा है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन और इसी दिन राहुल गांधी को बुलाया भेजा जा सकता है। ऐसा नहीं है कि केवल राहुल गांधी को ही ये निमंत्रण भेजे जाने की तैयारी की जा रही हो।
राहुल के अलावा और भी कई दलों के प्रमुखों को बुलावा भेजा जाएगा। सीता राम येचुरी समेत और भी लेफ्ट के नेताओं को न्योता भेजा जा सकता है। खबरों की मानें तो राहुल गांधी को आरएसएस चीफ मोहन भागवत से सवाल पूछने के लिए भी आमंत्रित किया जाएगा। इससे पहले हाल में संघ ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी आमंत्रित किया था।
इस कार्यक्रम के बारे में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि मोहन भागवत देश के प्रबुद्ध नागरिकों से 'भविष्य का भारत-आरएसएस का दृष्टिकोण' विषय पर 17 से 19 सितंबर तक दिल्ली के विज्ञान भवन में संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आतंकवाद से जूझ रही है और जब वो ये समझ ही नहीं सकते तो वो भारत को क्या समझेंगे। ऐसे में जब भारत को नहीं समझा है तो संघ को क्या समझेंगे। संघ को समझने के लिए पहले उनके लिए भारत को समझना जरूरी है।
राहुल ने हाल ही में यूरोप दौरे के दौरान कहा था कि ''हम एक संगठन से संघर्ष कर रहे हैं, जिसका नाम RSS है जो भारत के मूल स्वरूप (नेचर आफ इंडिया) को बदलना चाहता है।भारत में ऐसा कोई दूसरा संगठन नहीं है जो देश के संस्थानों पर कब्जा जमाना चाहता हो।"