लाइव न्यूज़ :

आरएसएस ने इंफोसिस की अलोचना करने वाले पांचजन्य के लेख से खुद को अलग किया

By भाषा | Updated: September 5, 2021 20:05 IST

Open in App

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने रविवार को भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस की आलोचना करने वाले उस लेख से खुद को अलग कर लिया, जो आरएसएस से जुड़ी एक पत्रिका ‘पांचजन्य’ में प्रकाशित हुआ था।आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि पांचजन्य आरएसएस का मुखपत्र नहीं है और लेख लेखक की राय को दर्शाता है और इसे संगठन से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।पांचजन्य के 5 सितंबर के संस्करण में, इन्फोसिस पर ‘साख और आघात' शीर्षक से चार पृष्ठों की कवर स्टोरी है, जिसमें इसके संस्थापक नारायण मूर्ति की तस्वीर कवर पेज पर है।लेख में बेंगलुरु स्थित कंपनी पर निशाना साधा गया है और इसे ‘ऊंची दुकान, फीके पकवान’ करार दिया गया है। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि इंफोसिस का ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ ताकतों से संबंध है और इसके परिणामस्वरूप सरकार के आयकर पोर्टल में गड़बड़ की गई है।हालांकि, आंबेकर ने संघ के रुख को स्पष्ट करने के लिए ट्वीट किया, ‘‘भारतीय कंपनी के नाते इंफोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है। इंफोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं परंतु पांचजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख,लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं ,तथा पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पांचजन्य में प्रकाशित लेख या विचारों से आरएसएस को नहीं जोड़ा जाना चाहिये।इस लेख की विपक्षी दलों ने आलोचना की और लेख को ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ बताते हुए पत्रिका की आलोचना की। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा टाटा संस की आलोचना किये जाने के महीनों बाद इस मुद्दे पर इंडिया इंक की ‘‘चुप्पी’’ पर रविवार को सवाल उठाया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आरएसएस से जुड़ा पांचजन्य, कहता है कि इंफोसिस राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ काम कर रही है और टुकड़े टुकड़े गिरोह का हिस्सा है। पहले वाणिज्य मंत्री द्वारा टाटा पर हमला और अब यह। उद्योग के दिग्गजों की चुप्पी। ठीक है।’’कांग्रेस ने इसे भारत के ‘‘बहुमूल्य’’ कॉर्पोरेट क्षेत्र पर ‘‘हमला’’ करार दिया।कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने ट्वीट किया, ‘‘पीयूष गोयल ने यह आरोप लगाया गया कि इंडिया इंक राष्ट्र हित के खिलाफ काम करता है और टाटा संस का नाम लिया, अब आरएसएस से जुड़ी एक पत्रिका कहती है कि इंफोसिस ‘राष्ट्र-विरोधी’ ताकतों और टुकड़े-टुकड़े गिरोह की सहयोगी है। भारत के बेशकीमती कॉरपोरेट पर संघ का समन्वित हमला है शर्मनाक?’’ हालांकि, पांचजन्य लेख में उल्लेख किया गया है कि पत्रिका के पास यह कहने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन इसमें कहा गया है कि इन्फोसिस पर कई बार ‘‘नक्सलियों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गिरोह’’ की मदद करने का आरोप लगाया गया है।इसमें यह भी सवाल किया गया है कि क्या इंफोसिस ‘‘अपने विदेशी ग्राहकों के लिए इस तरह की घटिया सेवा प्रदान करेगी।’’शनिवार को संपर्क करने पर पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि इंफोसिस एक बड़ी कंपनी है और सरकार ने इसकी विश्वसनीयता के आधार पर इसे बहुत महत्वपूर्ण काम दिए हैं।शंकर ने कहा, ‘‘कर पोर्टलों में गड़बड़ियां राष्ट्रीय चिंता का विषय हैं और जो इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारभारत जल्दबाजी में या बंदूक तानकर ट्रेड डील नहीं करता, बर्लिन डायलॉग में बोले उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, अमेरिका-ईयू से वार्ता जारी

भारतKarnataka Caste Survey: इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी ने जाति सर्वेक्षण में हिस्सा लेने से किया इनकार, जानें क्यों

कारोबार1 अक्टूबर से बदलाव, घड़ियां, चॉकलेट, बिस्कुट होंगे सस्ते, देखिए असर

कारोबारNew GST Rates 2025 Updates: 22 सितंबर से तोहफा, 7500 रुपये प्रतिदिन तक के किराए वाले होटल कमरे सस्ते, 56वीं बैठक में फैसला

कारोबारNew GST Rates 2025: आजादी के बाद का ‘सबसे बड़ा सुधार’, पीयूष गोयल ने कहा- उद्योग जगत जनता को लाभ पहुंचाएं

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई