RSS Chief Mohan Bhagwat: गांव वालों पर आंख मूंदकर भरोसा कर सकता हूं, लेकिन शहरों में सतर्क रहना पड़ता..., आखिर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने क्यों कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 18, 2024 18:39 IST2024-07-18T18:38:33+5:302024-07-18T18:39:50+5:30

RSS Chief Mohan Bhagwat: ऐसा कहीं भी शास्त्रों में नहीं लिखा है, लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी यह हमारे स्वभाव में है।

RSS Chief Mohan Bhagwat says I can blindly trust villagers but cautious in cities why did jharkhand adiwasi | RSS Chief Mohan Bhagwat: गांव वालों पर आंख मूंदकर भरोसा कर सकता हूं, लेकिन शहरों में सतर्क रहना पड़ता..., आखिर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने क्यों कहा

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Highlightsसनातन संस्कृति और धर्म राजमहलों से नहीं, बल्कि आश्रमों और जंगलों से आई है।सभी मिलकर काम कर रहे हैं, हम भी प्रयास कर रहे हैं।देश के भविष्य को लेकर कोई संदेह नहीं है

गुमलाः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद पूरी दुनिया को यह पता चल गया कि भारत के पास शांति और खुशहाली का रास्ता है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म मानव जाति के कल्याण में विश्वास करता है। भागवत ने कहा, ‘‘पिछले दो हजार वर्षों में विभिन्न प्रयोग किए गए, लेकिन वे भारत की पारंपरिक जीवन शैली में निहित खुशी और शांति प्रदान करने में विफल रहे। कोरोना के बाद दुनिया को पता चला कि भारत के पास शांति और खुशहाली का रास्ता है।’’ भागवत यहां गैर-लाभकारी संगठन विकास भारती द्वारा आयोजित ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘सनातन संस्कृति और धर्म राजमहलों से नहीं, बल्कि आश्रमों और जंगलों से आई है।

बदलते समय के साथ हमारे कपड़े तो बदल सकते हैं लेकिन हमारा स्वभाव कभी नहीं बदलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बदलते समय में अपने काम और सेवाओं को जारी रखने के लिए हमें नए तौर-तरीके अपनाने होंगे। जो लोग अपने स्वभाव को बरकरार रखते हैं, उन्हें विकसित कहा जाता है।’’ भागवत ने कहा कि सभी को समाज के कल्याण के लिए अथक प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी पिछड़े हुए हैं और उनके लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘वन क्षेत्रों में जहां आदिवासी पारंपरिक रूप से रहते हैं, वहां के लोग शांत और सरल स्वभाव के होते हैं और ऐसा बड़े शहरों में नहीं मिलता। यहां तो मैं गांव वालों पर आंख मूंदकर भरोसा कर सकता हूं।

लेकिन शहरों में हमें सतर्क रहना पड़ता है कि हम किससे बात कर रहे हैं।’’ भागवत ने कहा कि वह देश के भविष्य को लेकर कभी चिंतित नहीं रहे, क्योंकि कई लोग इसकी बेहतरी के लिए सामूहिक रूप से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘देश के भविष्य को लेकर कोई संदेह नहीं है, अच्छी चीजें होनी चाहिए, इसके लिए सभी मिलकर काम कर रहे हैं, हम भी प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत के लोगों का अपना स्वभाव है और कई लोग बिना किसी नाम या ख्याति की इच्छा के देश के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां पूजा की अलग-अलग पद्धतियां हैं, क्योंकि हमारे यहां 33 करोड़ देवी-देवता हैं और 3,800 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं और यहां तक ​​कि खान-पान की आदतें भी भिन्न हैं।

भिन्नता के बावजूद हमारा मन एक है और अन्य देशों में ऐसा नहीं मिल सकता।’’ उन्होंने कहा कि आजकल तथाकथित प्रगतिशील लोग समाज को कुछ देने में विश्वास करते हैं, जो कि भारतीय संस्कृति में पहले से ही निहित है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा कहीं भी शास्त्रों में नहीं लिखा है, लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी यह हमारे स्वभाव में है।’

Web Title: RSS Chief Mohan Bhagwat says I can blindly trust villagers but cautious in cities why did jharkhand adiwasi

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