कोरोना संकट: PM केयर्स फंड से आवंटित हुए 3100 करोड़ रुपये, प्रवासी मजदूरों के लिए होगा 1000 करोड़ का इस्तेमाल
By स्वाति सिंह | Published: May 13, 2020 09:11 PM2020-05-13T21:11:19+5:302020-05-13T21:51:37+5:30
प्रवासी मजदूरों के लिए राहत की बात की जाए तो गरीबों और प्रवासी मजदूरों की भलाई के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 1,000 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी।
नई दिल्ली:पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट ने बुधवार को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए 3,100 करोड़ रूपये आवंटित करने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। बयान के अनुसार पीएम केयर्स फंड से आवंटित किये गये 3,100 करोड़ रूपये में से करीब 2000 करोड़ रूपये वेंटिलेटर की खरीद और 1000 करोड़ रूपये प्रवासी मजदूरों के लिए निर्धारित किये गये हैं।
बयान के मुताबिक अन्य (बाकी) 100 करोड़ रूपये कोरोना वायरस के टीके के विकास में मदद के लिए दिये जाएंगे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले इस ट्रस्ट का 27 मार्च को गठन किया गया था। इसके पदेन सदस्यों में रक्षामंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।
इससे पहले बुधवार को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ से बुरी तरह लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के बारे में बुधवार को विस्तार से जानकारी दी। पैकेज के पहले चरण के तहत लगभग छह लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गयी जिसकी मुख्य बातें निम्नलिखित हैं: ....
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम समेत छोटी इकाइयों को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी के कर्ज उपलब्ध कराने की सुविधा। इससे 45 लाख छोटी इकाइयों को लाभ होगा।
....यह कर्ज चार साल के लिये दिया जाएगा और पहले 12 महीने तक मूल राशि के भुगतान से राहत दी जाएगी।
....कर्ज नहीं चुका पा रही एमएसएमई इकाइयों के लिए भी कुल 20,000 करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा दी जाएगी। इससे 2 लाख इकाइयों को लाभ होगा।
.... ‘फंड ऑफ फंड’ के जरिये वृद्धि की क्षमता रखने वाले एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाली जाएगी।
...एमएसएमई की परिभाषा बदली गयी है। इसके तहत अब एक करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाइयां सूक्ष्म इकाई, 10 करोड़ रुपये के निवेश वाली लघु तथा 20 करोड़ रुपये के निवेश वाली मझोले उद्यम कहलाएंगे। अब तक यह सीमा क्रमश: 25 लाख रुपये, 5 करोड़ रुपये और 10 करोड़ रुपये थी। .
... साथ ही एमएसएमई की परिभाषा के लिये सालाना कारोबार आधारित मानदंड बनाया गया है। इसके तहत 5 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाली इकाइयां सूक्ष्म इकाइयां, 50 करोड़ रुपये के कारोबार वाली लघु तथा 100 करोड़ रुपये के कारोबार वाली मझोली इकाइयां कहलाएंगी।
....गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) और सूक्ष्म राशि के ऋण देने वाले संस्थानों (एमएफआई) के लिये 30,000 करोड़ रुपये के विशेष नकदी योजना की घोषणा।
.... एनबीएफसी, आवास वित्त कंपनियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों के लिये 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक ऋण गारंटी (पार्शियल क्रेडिट गारंटी) योजना 2.0 का ऐलान।
....आयकर रिटर्न और अन्य रिटर्न भरने की तिथि बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 की गयी।
.... वेतन को छेाड़ अन्य सभी तरह के भुगतान के लिये स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) की दर में 31 मार्च 2021 तक के लिये 25 प्रतिशत की कटौती की गयी है।
....बिजली वितरण कंपनियों को राहत देने के लिये 90,000 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध करायी जाएगी।
....सौ से कम कर्मचारी वाले कंपनियों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में योगदान से राहत की अवधि तीन महीने के लिये बढ़ायी गयी।
.... सभी कंपनियों के लिए ईपीएफ में कर्मचारियों के मूल वेतन के 12 प्रतिशत के बराबर सांविधिक योगदान करने की जगह इसे 10 प्रतिशत करने की छूट दी गयी है।
.... निर्माण क्षेत्र को राहत। सभी सरकारी एजेंसियां सभी ठेकेदारों को निर्माण और वस्तु एवं सेवा अनुबंधों को पूरा करने के लिये छह महीने की समयसीमा बढ़ाएंगी। रियल एस्टेट क्षेत्र के डेवलपरों को भी परियोजनाओं के पंजीकरण और उन्हें पूरा करने की समयसीमा छह माह बढ़ा दी जायेगी।