नई दिल्ली: यूपी चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका मंगलवार को लगा जब आरपीएन सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया। उनके भाजपा में शामिल होते ही एनडीटीवी चैनल में काम करने वालीं उनकी पत्नी और पेशे से पत्रकार सोनिया सिंह का नाम भी चर्चा में आ गया।
ट्विटर पर भी सोनिया सिंह और एनडीटीवी काफी देर तक ट्रेंड करते रहे। अटकलें ये भी लगाई जाने लगी कि सोनिया सिंह पत्रकार का पेशा छोड़ चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। उन्हें पडरौना से टिकट मिल सकता है। इस पूरी चर्चा के बीच आरपीएन सिंह का जवाब आ गया है।
सोनिया सिंह के चुनाव लड़ने की अटकलों पर आरपीएन सिंह का जवाब
भाजपा में शामिल होने के बाद पत्नी सोनिया सिंह को लेकर जारी अटकलों पर आरपीएन सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'केवल मैं राजनीति में हूं। मैं वही करूंगा जो पार्टी मुझसे करने को कहेगी।'
वहीं कांग्रस छोड़ने पर आरपीएन सिंह ने कहा, 'मैंने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा है कि कांग्रेस अब वह पार्टी नहीं रह गई है, जहां मैं काम करता था। वहां अब वही विचारधार नहीं रह गई है। मैं अब इस संबंध में और कुछ नहीं कहना चाहता हूं।'
बताते चलें कि आरपीएन सिंह के भी कुशीनगर के पडरौना से चुनाव में उतरने की अटकलें हैं। आरपीएन सिंह का भाजपा में आना कुछ जानकार स्वामी प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी को जवाब के तौर पर देख रहे हैं।
मौर्य हाल में सपा में शामिल हुए थे। वे भी पडरौना से चुनाव लड़ते हैं और मौजूदा विधायक हैं। आरपीएन सिंह तीन बार (1996, 2002 और 2007) पडरौना से विधायक रहे हैं। वह 2009 में सांसद के रूप में कुशीनगर से चुने गए थे लेकिन 2014 में उन्हें हार मिली थी।
वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य को पिछले दो विधानसभा चुनाव में पडरौना सीट से जीत हासिल हुई। पहले वे बसपा उम्मीदवार और फिर भाजपा के उम्मीदवार के रूप में पडरौना से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। बताते चलें कि आरपीएन सिंह ओबीसी सैंथवार-कुर्मी से आते हैं और पूर्वांचल में इस जाति की अच्छी-खासी तादाद है।