'विदेश में रहो, यहां माहौल ठीक नहीं है', आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने अपने इस बयान पर दी सफाई, जानिए क्या कहा
By रुस्तम राणा | Updated: December 23, 2022 14:02 IST2022-12-23T14:02:25+5:302022-12-23T14:02:25+5:30
अपनी सफाई में राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा, मैंने इसे एक कार्यक्रम में कहा था जहां पूर्व न्यायाधीश, नौकरशाह और बुद्धिजीवी मौजूद थे। मैंने पूछा था कि अगर छात्रों को यहां अवसर मिलता है, तो वे विदेश क्यों जाएंगे। कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए भारत का उपयोग कर रहे हैं।

'विदेश में रहो, यहां माहौल ठीक नहीं है', आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने अपने इस बयान पर दी सफाई, जानिए क्या कहा
पटना: तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता ने अपने बच्चों को विदेश में ही बसने की सलाह दी है। आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव राजद अब्दुल बारी सिद्दीकी का सोशल मीडिया में यह बयान वायरल हो रहा है। दरअसल, उन्होंने देश में मुसलमानों के खिलाफ पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए यह टिप्पणी की। बीजेपी राजद नेता के इस बयान देश विरोधी बताया है। भाजपा ने उन्हें पाकिस्तान में चले जाने का भी सुझाव दिया है।
राज्य भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने नाराजगी जताते हुए कहा, "सिद्दीकी की टिप्पणी भारत विरोधी है। अगर वह इतना दबा हुआ महसूस कर रहे हैं, तो उन्हें एक राजनीतिक नेता के रूप में यहां मिलने वाले विशेषाधिकारों को छोड़ देना चाहिए और पाकिस्तान चले जाना चाहिए। कोई भी उन्हें रोक नहीं पाएगा।"
उधर, विवाद बढ़ने पर राजद नेता ने अपने इस बयान पर सफाई दी है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा, मैंने इसे एक कार्यक्रम में कहा था जहां पूर्व न्यायाधीश, नौकरशाह और बुद्धिजीवी मौजूद थे। मैंने पूछा था कि अगर छात्रों को यहां अवसर मिलता है, तो वे विदेश क्यों जाएंगे। कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए भारत का उपयोग कर रहे हैं।
I said it at an event where ex-judges, bureaucrats & intellectuals were present.I had asked that if students get opportunity here,why'll they go abroad.Some people are using India for their political gain:RJD's AB Siddiqui on his statement of telling his children to settle abroad pic.twitter.com/1PvR9IsIjG
— ANI (@ANI) December 23, 2022
राजद के वरिष्ठ नेता को पिछले सप्ताह हुई एक घटना में कहते हुए सुना जाता है, "मैं देश के माहौल को उजागर करने के लिए एक व्यक्तिगत उदाहरण देना चाहता हूं। मेरा एक बेटा है जो हार्वर्ड में पढ़ रहा है और एक बेटी है जिसके पास लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डिग्री है। मैंने उन्हें विदेशों में नौकरियां खोजने के लिए कहा है और, यदि संभव हो तो वहां की नागरिकता लें।"