पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में 'चूक' को लेकर बिहार में गरमायी सियासत, आरजेडी ने कसा तंज, लालू ने साधा निशाना
By एस पी सिन्हा | Updated: January 6, 2022 19:58 IST2022-01-06T19:56:10+5:302022-01-06T19:58:14+5:30
राजद के किसान प्रकोष्ठ ने कहा है कि किसान एक साल तक सड़क पर रहे तो सुध नहीं ली, लेकिन खुद महज 15 मिनट सड़क पर बिताने पड़े तो आफत के ढोल बजने लगे।

पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में 'चूक' को लेकर बिहार में गरमायी सियासत, आरजेडी ने कसा तंज, लालू ने साधा निशाना
पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में पंजाब में चूक होने पर बिहार में भी सियासत होने लगी है। इस पूरे मामले पर सियासी बयानबाजी ने रफ्तार पकड़ ली है और राजद ने इसे सामान्य घटना करार देते हुए तंज कसा है। राजद के किसान प्रकोष्ठ ने कहा है कि किसान एक साल तक सड़क पर रहे तो सुध नहीं ली, लेकिन खुद महज 15 मिनट सड़क पर बिताने पड़े तो आफत के ढोल बजने लगे।
राजद ने लालू प्रसाद यादव का एक पुराना वीडियो भी ट्वीट किया है, जिसमें वे प्रधानमंत्री की जान की कीमत एक आम आदमी की जान के बराबर बताते सुने जा रहे हैं। लालू इसमें कहते हैं, ''एक नेता और एक प्रधानमंत्री के जान की जितनी कीतम है, उतना आम इंसान के जान की भी कीमत है।'' इस मामले में युवा राजद ने भी प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए अपने ट्वीट में उन्हें तनाशाह करार दिया है।
अब ये बात किसी अहंकारी को कौन समझाए कि "500 किसानों" की जान की कीमत 500 PM के बराबर है!
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) January 5, 2022
इसके लिए उन्हें 'किसी आत्ममुग्ध प्रधानमंत्री के लिए मरने की ज़रूरत नहीं'! pic.twitter.com/WdqGqvsE6t
साथ ही लिखा है कि पांच सौ किसान मेरे लिए मरे, पूछने वाले को पांच मिनट रुकना क्या पड़ा तो आफत आ गई। तानाशाह कायर होते हैं। इसके साथ ही राजद ने प्रधानमंत्री को निशाने पर लेते हुए लिखा है कि अब यह बात किसी अहंकारी को कौन समझाए कि पांच सौ किसानों की जान की कीमत पांच सौ प्रधानमंत्री के बराबर है। इसके लिए किसी आत्ममुग्ध प्रधानमंत्री के मरने की जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब के फिरोजपुर में एक रैली थी। खराब मौसम के कारण भटिंडा हवाईअड्डे से वहां सड़क मार्ग से जाते वक्त हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर पहले प्रधानमंत्री के काफिले को एक फ्लाइओवर पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर रोक दिया।
प्रधानमंत्री वहां 15 से 20 मिनट तक फंसे रहे। इसे गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक माना है। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। इस बीच पंजाब सरकार ने जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बना दी है।