राजद कार्यकारिणीः अल्पसंख्यक नेताओं का प्रतिनिधित्व कम!, गोपालगंज उपचुनाव में हार के बाद एम-वाई समीकरण पर असर, मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना का नाम गायब

By एस पी सिन्हा | Updated: November 30, 2022 18:15 IST2022-11-30T18:14:20+5:302022-11-30T18:15:44+5:30

RJD Executive: गोपालगंज उपचुनाव में राजद उम्मीदवार की हार 1700 वोटों से हुई थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार को 12 हजार से ज्यादा वोट पड़े थे।

RJD lalu yadav muslim minority leaders Less representation M-Y equation shift defeat in Gopalganj by-election Mohammad Shahabuddin's wife Hina Shahab missing | राजद कार्यकारिणीः अल्पसंख्यक नेताओं का प्रतिनिधित्व कम!, गोपालगंज उपचुनाव में हार के बाद एम-वाई समीकरण पर असर, मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना का नाम गायब

केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के 11 सदस्यों में सिर्फ एक और राज्य संसदीय बोर्ड के 15 सदस्यों में दो अल्पसंख्यक नेता हैं। (file photo)

Highlightsकुढ़नी में असदुद्दीन ओवैसी ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया है।कुढ़नी में पांच दिसंबर को वोट पड़ने वाले हैं।लालू यादव के खासमखास रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब का नाम गायब है।

पटनाः बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद से राजद की मुश्किलें बढती दिख रही हैं। हाल यह है कि उसका मजबूत जनाधार माय(एम-वाई) समीकरण खिसकता नजर आ रहा है। गोपालगंज में हुए उप चुनाव में इसका संकेत भी मिल चुका है। इसके बाद राजद के द्वारा उठाये गये कदमों में भी इसबात का संकेत मिला है राजद भी अब उनको ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नही है।

शायद यही कारण है कि संगठन में हुए फेरबदल में राजद के द्वारा अल्पसंख्यकों पर भरोसा कम किया गया है। हालांकि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव राज्य में अल्पसंख्यकों के बड़े हिमायती माने जाते हैं। अल्पसंख्यक समाज भी उन्हें अपना लोकप्रिय नेता मानता है। उल्लेखनीय है कि लालू पहले अपनी सरकार हो या संगठन मुसलमानों को काफी तरजीह देते थे।

लेकिन लालू के हस्ताक्षर से पुनर्गठित राष्ट्रीय कार्यकारिणी, केन्द्रीय संसदीय बोर्ड और राज्य संसदीय बोर्ड की जो सूची जारी की गई है, इसमें अल्पसंख्यक नेताओं का प्रतिनिधित्व पहले की तुलना में कम है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मुख्य 53 सदस्यों में सिर्फ एक प्रमुख नाम डा. अशफाक करीम का है।

केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के 11 सदस्यों में सिर्फ एक और राज्य संसदीय बोर्ड के 15 सदस्यों में दो अल्पसंख्यक नेता हैं। लालू के करीबी अब्दुल बारी सिद्दीकी पहले की तरह प्रधान महासचिव के पद पर बरकरार हैं। इसके अतिरिक्त वह दोनों बोर्ड के भी सदस्य हैं। सिद्दीकी के अलावा राज्य संसदीय बोर्ड  में तनवीर हसन का नाम है।

इस पूरी सूची से कभी लालू के खासमखास रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब का नाम गायब है। जबकि वह पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ-साथ केन्द्रीय  संसदीय बोर्ड की भी सदस्य थीं। जानकार सूत्रों के अनुसार हिना शहाब पर यह आरोप है कि हाल में  हुए गोपालगंज उपचुनाव में पार्टी की हार का कारण वही रही हैं।

सूत्रों की माने तो गोपालगंज में पार्टी की हार का कारण जो भी रहा हो, चुनाव  के वक़्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दो बोर्डों मे से भी किसी में मरहूम मो.शहाबुद्दीन की पत्नी का नाम नहीं होने से अकलियतों के बीच गलत संदेश गया है। इससे कुढ़नी उपचुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार को नुकसान हो सकता है।

गौरतलब है कि गोपालगंज उपचुनाव में राजद उम्मीदवार की हार 1700 वोटों से हुई थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार को 12 हजार से ज्यादा वोट पड़े थे। कुढ़नी में भी ओवैसी ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। वहां पांच दिसंबर को वोट पड़ने वाले हैं।

Web Title: RJD lalu yadav muslim minority leaders Less representation M-Y equation shift defeat in Gopalganj by-election Mohammad Shahabuddin's wife Hina Shahab missing

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