कोरोना वायरस का खौफः 70 दिन में मुकेश अंबानी के डूब गए 1.11 लाख करोड़, नहीं रहे एशिया के सबसे अमीर आदमी
By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 12, 2020 19:08 IST2020-03-12T19:08:45+5:302020-03-12T19:08:45+5:30
अंकों के आधार पर यह सेंसेक्स की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। वैश्विक बाजारों में भी तेज गिरावट देखी गयी। स्थानीय बाजार के प्रमुख 30 शेयरों वाला सेंसेक्स एक समय 3,204.30 अंक तक गोता लगा गया था। अंत में यह 2,919.26 अंक यानी 8.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32,778.14 अंक पर बंद हुआ।

बाजार का असर भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी पर पड़ा है। (file photo)
मुंबईः कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर वैश्विक बाजार हलकान हैं और इसका असर भारतीय बाजार पर भी है। इसे वैश्विक महामारी घोषित किये जाने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को बीएसई का सेंसेक्स 2,919 अंक ध्वस्त हो गया।
अंकों के आधार पर यह सेंसेक्स की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। वैश्विक बाजारों में भी तेज गिरावट देखी गयी। स्थानीय बाजार के प्रमुख 30 शेयरों वाला सेंसेक्स एक समय 3,204.30 अंक तक गोता लगा गया था। अंत में यह 2,919.26 अंक यानी 8.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32,778.14 अंक पर बंद हुआ। एनएसई के निफ्टी में भी भारी गिरावट रही। निफ्टी 868.25 अंक यानी 8.30 प्रतिशत गिरकर 9,590.15 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की सभी कंपनियां नुकसान में रहीं।
बाजार का असर भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी पर पड़ा है। रिलायंस का शेयर आज 52 हफ्तों के न्यूनतम पर पहुंच गया। आज रिलायंस का शेयर 1063 पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान यह 1048 तक पहुंच गया था। 27 दिसंबर 2019 को साल के आखिरी कारोबारी दिन रिलायंस का शेयर 1537 रुपये का था।
पिछले 70 दिनों में शेयर का भाव घटकर 1063 पर पहुंच गया। एक शेयर की कीमत करीब 475 रुपये तक घट गई है। मतलब कोरोना और अन्य कारणों से रिलायंस के शेयर में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई है।शेयर मार्केट में मचे हाहाकार के कारण मुकेश अंबानी की संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है। पिछले 70 दिनों में उनकी संपत्ति को करीब 15.20 अरब डॉलर (1.11 लाख करोड़) का नुकसान हुआ है। इसकी वजह से उनसे एशिया के सबसे अमीर शख्स का तमगा भी छिन गया। एकबार फिर से अलीबाबा के चेयरमैन जैक मा एशिया के सबसे अमीर शख्स बन गए।
भारतीय स्टेट बैंक को सर्वाधिक 13.23 प्रतिशत का नुकसान हुआ। ओएनजीसी, एक्सिस बैंक, आईटीसी और टीसीएस के शेयरों में भी 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली। विश्व स्वास्थ्य (रिपीट स्वास्थ्य) संगठन के द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को महामारी घोषित करने का वैश्विक शेयर बाजारों पर बहुत बुरा असर पड़ा।
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन समेत यूरोप से आने यात्रियों के प्रवेश पर 30 दिन के लिये प्रतिबंध लगा दिया। इसका वित्तीय और जिंस बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि कोराना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे हैं। इससे वैश्विक आर्थिक मंदी का जोखिम गहराने लगा है।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के बुनियादी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि वैश्विक बाजारों की तर्ज पर भारतीय शेयर बाजार भी गिरावट में खुले और कोरोना वायरस के संक्रमण का बाजार पर असर पड़ने की आशंका से अंत तक हलकान रहे। उन्होंने कहा कि चुनिंदा क्षेत्रों में बिकवाली के साथ ही व्यापक स्तर पर भी हुई बिकवाली ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला। कारोबारियों ने कहा कि इसके साथ ही वैश्विक बाजारों में बिकवाली, कच्चा तेल की कीमतों में भारी गिरावट तथा रुपये के कमजोर होते जाने से बाजार में उथल-पुथल को बल मिला।
कारोबार के दौरान रुपया 49 पैसे गिरकर 74.17 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था। ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव भी 5.50 प्रतिशत गिरकर 33.82 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था। एशियाई बाजारों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। जापान का निक्की 4.41 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 3.87 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 3.66 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 1.52 प्रतिशत की गिरावट में रहा।
शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार छह प्रतिशत तक की गिरावट में चल रहे थे। अमेरिका में डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में बुधवार को 5.86 प्रतिशत की बड़ी गिरावट रही। नास्डैक के वायदा कारोबार से इस बात के संकेत मिल रहे थे कि बृहस्पतिवार को भी अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट जारी रहने वाली है।