सांसद और विधायक से सही से बात करें अफसर, केंद्र सरकार ने कहा- नहीं तो कार्रवाई होगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 16, 2020 05:53 PM2020-02-16T17:53:10+5:302020-02-16T17:53:10+5:30
आदेश के मुताबिक सभी राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से कहा गया है कि सामान्य तौर पर सांसदों की आवाजाही और विशेष रूप से संसद सत्र के दौरान अधिकारियों से जिम्मेदारियां निभाते समय संवेदनशीलता बरतने के लिए कहा जाए।
एक सरकारी आदेश के अनुसार केंद्र और राज्य सरकारों के सभी अधिकारियों को सांसदों व विधायकों के साथ संवाद के मामले में नियमों का पालन करने को और ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई का सामना करने को कहा गया है।
आदेश के मुताबिक सभी राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से कहा गया है कि सामान्य तौर पर सांसदों की आवाजाही और विशेष रूप से संसद सत्र के दौरान अधिकारियों से जिम्मेदारियां निभाते समय संवेदनशीलता बरतने के लिए कहा जाए।
सरकार के संज्ञान में मौजूदा दिशानिर्देशों में निर्दिष्ट प्रोटोकॉल नियमों के उल्लंघन के मामले सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गयी है। कार्मिक मंत्रालय ने आदेश में कहा कि जनता के मान्यताप्राप्त प्रतिनिधि के नाते हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद सदस्यों और विधायकों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है।
इसमें कहा गया है कि अपने कर्तव्यों के सिलसिले में उन्हें अक्सर भारत सरकार या राज्य सरकारों के मंत्रालयों अथवा विभागों से जानकारी लेना या सुझाव देना अथवा अधिकारियों के साथ इंटरव्यू के लिए कहना जरूरी लगता है। कार्मिक मंत्रालय, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने प्रशासन और संसद सदस्यों तथा विधायिका सदस्यों के बीच आधिकारिक कामकाज से संबंधित दिशानिर्देश जारी किये हैं और इन्हें समय-समय पर दोहराया जाता है।