कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए को-विन एप पर रजिस्ट्रेशन, इन 12 में से एक पहचान पत्र का होना जरूरी
By एसके गुप्ता | Updated: December 16, 2020 20:55 IST2020-12-16T20:52:35+5:302020-12-16T20:55:12+5:30
टीकाकरण की एक साइट पर दिनभर में केवल 100 लोगों को टीका लगेगा। अगर लॉजिस्टिक्स की सुविधा अच्छी है तो इसे बढ़ाकर 200 भी किया जा सकता है। किसी भी केस में एक दिन में एक जगह पर 200 से ज्यादा लोगों को टीका नहीं लगेगा।

विधानसभाओं के अंदर पोलिंग बूथ की जगह पर वैक्सीन बूथ बनाए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सिनेशन के लिए कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (को-विन) सिस्टम तैयार किया है। इस प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन के स्टॉक और डिस्ट्रीब्यूशन की रियल-टाइम अपडेट्स तो मिलेंगी ही। किन लोगों ने वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन किया है और उन्हें कब वैक्सीन दी जानी है या टीका लगेगा या नहीं, ये सब को-विन एप से पता चलेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 113 पेज की जारी ‘कोविड-19 वैक्सीन्स ऑपरेशनल गाइडलाइंस’ में कहा गया है कि वैक्सीन प्राप्ति के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा।
वैक्सीन पाने के रजिस्ट्रेशन में सरकार ने 12 तरह के पहचान पत्रों को मान्यता दी है जिससे रोगी की पहचान और उम्र का सही अंदाजा लग सके। इसमें आधार, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्युमेंट, पैनकार्ड जैसे दस्तावेज मान्य होंगे।स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीन के महाअभियान में 23 मंत्रालय मिलकर काम करेंगे। विधानसभाओं के अंदर पोलिंग बूथ की जगह पर वैक्सीन बूथ बनाए जाएंगे। जहां कोरोना वैक्सीन लगेगी, वहां तीन कमरे होना जरूरी है। एक वेटिंग रूम होगा, एक वैक्सीनेशन रूम और तीसरा ऑब्जर्वेशन रूम। तीनों जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
वैक्सीनेशन रूम में किसी महिला को वैक्सीन मिलते वक्त एक महिला स्टाफ मेंबर की मौजूदगी अनिवार्य होगी। गाइडलाइंस के अनुसार, टीकाकरण की एक साइट पर दिनभर में केवल 100 लोगों को टीका लगेगा। अगर लॉजिस्टिक्स की सुविधा अच्छी है तो इसे बढ़ाकर 200 भी किया जा सकता है। किसी भी केस में एक दिन में एक जगह पर 200 से ज्यादा लोगों को टीका नहीं लगेगा। वैक्सीन देने वाली टीम में एक वैक्सीन ऑफिसर और चार वैक्सीनेशन ऑफिसर्स होंगे।कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण अभियान देश के सबसे बड़े अभियानों में शामिल होने वाला है।
राज्यों को एक जिले में एक मैनुफैक्चरर की वैक्सीन ही सप्लाई करने को कहा गया है ताकि अलग-अलग वैक्सीन मिक्स होने से बचा जा सके। वैक्सीन कैरियर, वायल्स और आइस पैक्स को सूरज की सीधी रोशनी से बचाने के सभी इंतजाम किए जाएंगे। जब तक कोई टीका लगवाने नहीं आता, तब तक वैक्सीन और डाइलुएंट्स को वैक्सीन कैरियर के भीतर लिड बंद करके रखा जाएगा।
इसके अलावा तीन स्तर पर वैक्सीन की मॉनिटरिंग की जाएगी। इसमें स्टेट लेवल, डिस्ट्रिक लेवल और ब्लॉक लेवल की मॉनिटरिंग को रखा गया है यानि राज्य के मुख्य सचिव से लेकर ब्लॉक कंट्रोल रूम तक निगरानी रहेगी। जिससे राष्ट्रीय स्तर के निर्देशों या फास्ट ट्रैक पॉलिसी को निचले स्तर तक बिना समय गवाएं अमल में लाया जा सके।