नयी दिल्ली, नौ फरवरी केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा की घटना में कथित तौर पर अहम भूमिका निभाने वाले अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को उसे यहां की एक अदालत ने सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस ने आरोप लगाया कि सिद्धू 26 जनवरी को लाल किला हिंसा की घटनाओं को भड़काने वाला मुख्य आरोपी है, जिसके बाद शहर की एक अदालत ने उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने बताया कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम ने यह गिरफ्तारी की।
यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सिद्धू को सोमवार रात दस बज कर 40 मिनट पर करनाल बाइपास से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में भीड़ को उकसाने के संबंध में दर्ज एक मामले में उसकी तलाश थी।
डीसीपी ने कहा, ‘‘अपराध शाखा उसकी भूमिका की विस्तार से जांच करेगी।’’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार लाल किला हिंसा के बाद सिद्धू सिंघू बार्डर के समीप कुंडली में एक होटल में गया था और फिर वहां से वह कार लेकर सोनीपत एवं करनाल होते पटियाला चला गया था।
पुलिस के अनुसार वह कुंडली में एक होटल में ठहरा हुआ था।
अधिकारी का कहना है कि करीब 12-14 दिनों तक वह पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश में ठिकाना बदलता रहा और उसने 27 जनवरी को ही अपना मोबाइल बंद कर लिया था।
अधिकारी के मुताबिक पांच-छह टीमें उसके पीछे लगायी गयी थीं और उसे तकनीकी निगरानी के आधार पर गिरफ्तार किया गया।
विशेष प्रकोष्ठ ने ट्विटर पर दावा किया कि सिद्धू गणतंत्र दिवस हिंसा के पीछे ‘अहम खिलाड़ी’ था और जब वह कानून से छिप रहा था तब भी वह युवाओं को अपने भड़काऊ भाषण एवं स्टारडम से उकसा रहा था।
पुलिस ने सिद्धू की गिरफ्तारी में मदद करने वाली कोई भी सूचना देने पर एक लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा कर रखी थी।
गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी। घटना के बाद से सिद्धू सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर रहा था।
पुलिस सूत्रों ने बताया,‘‘ सिद्धू एक महिला मित्र के साथ संपर्क में था जो कैलिफोर्निया में रहती है। वह वीडियो बनाकर उसे भेजता था और वह सिद्धू के फेसबुक अकाउंट पर उन्हें अपलोड करती थी।’’
उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए सिद्धू लगातार ठिकाना बदल रहा था।
सिद्धू को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रज्ञा गुप्ता ने सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
हालांकि सिद्धू के वकील ने दावा किया है कि उनके मुवक्किल का हिंसा से कोई लेना-देना नहीं था और वह गलत वक्त पर गलत जगह पर था।
गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ निकाली थी और इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़पें हुई थीं। बहुत से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किले तक पहुंच गए थे और उन्होंने वहां एक ध्वज स्तंभ में धार्मिक झंडा लगा दिया था।
लाल किले पर हुई हिंसा मामले में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने दो कॉस्टेबल से बीस कारतूसों वाली दो मैग्जीन छीन ली थी, उन्होंने वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था।
पुलिस ने प्राथमिकी में कहा,‘‘ भीड़ ने बाद में वहां अलग-अलग झंडे लगा दिए। उन्होंने वहां अराजकता फैलाई। भीड़ से नीचे आने को कहा गया लेकिन वह लाल किले में घुसने के लिए मीना बाजार इलाके में चली गई। जब पुलिस ने उन्हें लाहौर गेट से बाहर निकालने का प्रयास किया तो भीड़ हिंसक हो गई और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया।
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